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Anuja Singh

Abstract Romance

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Anuja Singh

Abstract Romance

गुमशुदा

गुमशुदा

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मैं गुमसुम था इस भीड़ में

इस क़दर गुमशुदा ना था

तेरा वादा था आने का

कब का ये वादा ना था


माता - ए- जान था तू

वाकिफ था मेरी मौसिकी से

माता - ए - जान होऊंगा तेरा

ऐसा कोई इरादा ना था


देनी थी सादगी से जान दे दी

उसने कहा नहीं पर इशारा तो था

पूछ लूंगा जो आया मिलने मुझसे

आना ही था तो यूं जाना ना था।


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