ख़्वाब
ख़्वाब
तू ख़्वाब देख
अनंत अनदेखे सलोने
सतरंगी अतरंगी
बस तू ख़्वाब देख
देख वो नगर जो दिल को भाए
सूरज ढले तो भी चमक ना जाए
आँखें खुले तो भी रोशन रास्ते हो
घर के लोग जहाँ हँसते बसते हो
ख़ुशी देख एहसास देख
पूरे कर दे जो सफ़र वो राह देख
तू ख़्वाब देख
मुश्किल से मुश्किल मुक़ाम देख
कोई गाँव देख
या दूर कहीं कोई नगर होगा
जिसमें ख़ुशी का बसर होगा
पाँव लगेंगे रास्ते जब
हसीन हर एक मंजर होगा
तू रंग देख आकार देख
नदी समंदर पार देख
तू ख़्वाब देख॥
