होस्टेलरूम
होस्टेलरूम
उस छोटे से कमरे में जादू की एक दुनिया थी
दुनिया के सारे रंग अपने थे और जेब में सारी खुशियां थी
वो छोटी सी एक चादर थी तारे जिस पर अपने थे
कुछ तेरा कुछ मेरा था,दूसरों का सब हमारा था
एक एक कोना सबका था वो कमरा दुनिया सारा था
हंसी थी, खुले इरादे थे कुछ सपने भोले भाले थे
थोड़े आंसू थोड़ा दर्द सब की हिस्सेदारी थी
अब याद कभी कर लेते है,रो कर थक कर हंस लेते है
बेफिक्री के दिनों की वो जायदाद हमारी थी
वहीं किसी कोने में खो जाने को दिल करता है
उस छोटे से कमरे में रह जाने को दिल करता है।।