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आँखे खोलो स्वप्न से!

आँखे खोलो स्वप्न से!

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ये भूत-प्रेत, पिशाच, चुड़ैल,

सब अफवाह है,

एक झूठी!


मनगढ़ंत किस्से, कहानियां है,

जो लोगों को डराने के लिए

बनायी गई है,

सच्चाई से इनका कोई

वास्ता नहीं।

21वीं सदी में जीने वाले

कहाँ इसके चक्कर में

पड़कर अपना

बहूमुल्य समय

नष्ट कर रहे हैं।


अगर हम शिक्षित

पढे़-लिखे लोग,

इन बेबुनियादी,

रूढिवादी, ऊलूल-जलूल

बातों में फसे रहेंगे,

तो क्या होगा,

इस समाज का।


इंसान सिर्फ एक बार

जन्म लेता है,

कोई दुसरा-तीसरा,

सातवां नही होता है।


क्योंकि किसी ने

कभी मर के नहीं देखा है!


फालतू बांते बहुत जल्दी

वायरल होती होती!


मेरे प्यारे दोस्तों!

जागो, आँखे खोलो

स्वप्न से।


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