वो कोई और हैं
वो कोई और हैं
बिना तेरे अधूरी सी हूँ मैं, मगर !
तू पूरा हैं जिससे वो कोई और है !!
मुझ में बस तू ही समाया है, मगर !
हर पल तेरी यादों में कोई और है !!
दिल चाहता है रोक लूँ तुझे मैं, मगर !
तुझ को पाया जिसने वो कोई और है !!
दर्द अपने बाँटना चाहूँ तुझ से, मगर !
मेरे दर्द की तू दवा भी तो नहीं बनता !!
खता मेरी हैं जो मैंने चाहा तुझे, मगर !
तेरी चाहत का हक़दार कोई और हैं !!
मेरी आँखों के आँसू तेरे दिये हैं , मगर !
सजी मुस्कान वो लब कोई और हैं !!
सांसों से बाँधा था तूने ही मुझे , मगर !
तुझ मे जिंदा आज भी कोई और हैं !!
बिना तेरे अधूरी सी हूँ मैं , मगर !
तू पूरा हैं जिससे वो कोई और हैं !!