माँ बाप के सपने पूरे करने को त्याग अपनी ख़ुशियों की वो भी करती है। माँ बाप के सपने पूरे करने को त्याग अपनी ख़ुशियों की वो भी करती है।
सजते थे मंडप बनते थे रिश्ते था ऐसा अनोखा पवित्र जगह सजते थे मंडप बनते थे रिश्ते था ऐसा अनोखा पवित्र जगह
दिल चाहता है रोक लूँ तुझे मैं, मगर ! तुझ को पाया जिसने वो कोई और है दिल चाहता है रोक लूँ तुझे मैं, मगर ! तुझ को पाया जिसने वो कोई और है