मुसीबत को बुलावा
मुसीबत को बुलावा
कोई भी दौर में ज़रूरी है अपना काम करना,
अनचाहे बातों से किसी से भी नहीं है उलझना,
यह गलती है एक नए मुसीबत को बुलावा देना,
अनजाने तहलके के बाद रह जाएगा पछताना।
बहुत ज़रूरी है चापलूसों से दूर रहना,
बहुत ज़रूरी है राज़ को छुपाए रखना,
बहुत ज़रूरी है अपने नीयत को बचाना,
बहुत ज़रूरी है अपने बुजुर्गों को सुनना।