चरित्र बिना जीवन का कुछ है ऐसा हाल जैसे बिन चोट का दर्द, बिन दाढ़ी का मर्द। चरित्र बिना जीवन का कुछ है ऐसा हाल जैसे बिन चोट का दर्द, बिन दाढ़ी का मर्द।
अनजाने तहलके के बाद रह जाएगा पछताना। अनजाने तहलके के बाद रह जाएगा पछताना।
जिसकी जैसी नियत है, वो वैसी कहानी रचता है.! जिसकी जैसी नियत है, वो वैसी कहानी रचता है.!
मंदिर मस्जिद में उलझा के सत्ता डाल रही है डाके मंदिर मस्जिद में उलझा के सत्ता डाल रही है डाके
देश के इन युवाओं को क्या हो गया देश के इन युवाओं को क्या हो गया.. देश के इन युवाओं को क्या हो गया देश के इन युवाओं को क्या हो गया..
साफ़ नियत पर चलने से ही, जिंदगी फूलों की बारात होती है। साफ़ नियत पर चलने से ही, जिंदगी फूलों की बारात होती है।