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Khushboo Avtani

Inspirational

3  

Khushboo Avtani

Inspirational

चरित्र बिना जीवन

चरित्र बिना जीवन

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चरित्र बिना जीवन का कुछ है ऐसा हाल

जैसे बिन चोट का दर्द, बिन दाढ़ी का मर्द।


बिन रिश्ते का फ़र्ज़, बिन ब्याज का क़र्ज़

बिन सुर की तान, लावारिस सा सामान।


बिन गद्दे का दीवान, बिन तीर का कमान

जैसे बिन अंतर का फर्क, बिन चांदी का अर्क।


बिन आधार का तर्क, बिन सज़ा का नर्क

बिन संगीत का नाच, बिन नोंक का काँच।


बिन चार का पाँच, बिन आग की आँच

तो ज़्यादा कुछ नहीं तो इतना आत्मबल रखो,


कि नीयत रहे साफ़ चाहे जितनी अक्ल रखो।।


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