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Khushboo Avtani

Others

2  

Khushboo Avtani

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लेकिन एंड में सब ठीक हो जाता है

लेकिन एंड में सब ठीक हो जाता है

2 mins
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बोलीवूड मूवीज से ज़रा भी

अलग नहीं है लाइफ अपनी

और क्यूँ ना हो, तुम-हम से

इंस्पायर्ड ही तो हैं

वो हीरो, हीरोईन, सगा भाई,

बहन सौतेली  

विलेन, हीरो का दोस्त, मम्मी,पापा

और हीरोईन की सहेली


कितना इमोशनल ड्रामा होता है

जब लड़के को लगता है

उसको लड़की से प्यार है

पर अब वो गुलाब हाथ में लेकर

शी लव्स मी, शी लव्स मी नॉट तो

नहीं करता 

बल्कि आधुनिक आशिक की तरह

GIFT की जगह GIF भेजता है

और दिल वाले रेड कलर के महंगे

कुशन में इन्वेस्ट करने से पहले 

धड़कते रेड, ग्रीन, येलो EMOJI

फेंकता है 

क्यूंकि Scene बनाने से पहले

बंदी का ‘Last seen’ पता होना

ज़रूरी है 

और ये जानना उतना ही इम्पोर्टेन्ट है

जितना शादी से पहले कुंडली मिलाना 

तो जब भी हीरोइन ऑनलाइन नज़र

आती है,

इन्सीक्योर हीरो को लगता,

जाने वो कितनों से बतियाती है 

बस तभी एक हफ्ते का सारा प्यार

चकनाचूर हो जाता है

चैट्स डिलीट, नंबर ब्लॉक,

अनटैगिंग, अन्फ्रेंडिंग 

फूल ऑन बेकारी में भी काम बढ़ जाता है 

एक, दो दिन सँभलने में लगते हैं,

लेकिन एंड में सब ठीक हो जाता है


रही बात दोस्ती की, अरे उसकी भी

अपनी दास्तानें हैं

गहराई इतनी की ‘दिल चाहता है’

के अक्षय खन्ना तो हम हैं 

और ‘हेराफेरी’ के अक्षय कुमार

जैसे वो सब

वो बेगैरत मिलते हैं एक पार्टी में

किसी दोस्त के दूर के दोस्त की तरह

और अगले दिन Fancy title वाला

व्हाटसेप ग्रुप बना लेते हैं 

फिर चार-पांच दिन तक बरसते

ताबड़तोड़ जोक्स और विडियो लिंक्स

क्यूंकि मेसेज इधर कॉपी उधर पेस्ट

करने में किसी के पैसे नहीं लगते हैं

फिर बनते हैं प्लान दोबारा पब्बिंग के, 

लड़कियाँ हो ग्रुप में तो ख़्वाब

क्ल्बबिंग के


गर ग़लती से मिल भी लिए बोरियत के

कारण तो 

गुड टाइम्स के नाम पर बस

स्टेटस होते अपडेट

बिल भरता फिर वो जिसमे शरिफियत

अब भी बाकी है, 

क्यूंकि बाकियों को उसी टाइम पर

जाना होता टॉयलेट

फिर सब अपने-अपने घर निकलकर

करते वापस ग्रुप में पिंग

यार अगली बार कर लेंगे हिसाब, 

हम तो लम्बी रेस के घोड़े हैं

अभी तो बहुत साथ निभाएंगे

फिर करेंगे memes में टैग और

गोआ का प्लान बनायेंगे

इनके हथकंडे देखकर लगता जैसे

हम तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम है 

काहे की दोस्ती, काहे का प्यार,

सबकुछ हराम है


पर रोज़ ऑफिस के बाद जब PubG खेलने

और Big Boss देखने के सिवाय कोई 

और ओप्शन नहीं होता तो हम

उसी ग्रुप चैट में घुस जाया करते हैं

क्यूंकि वहां के वेल्ले लोग भी किसी के

रिप्लाई का वेट कर रहे हैं 

फिर उनको जज करने से पहले

अपना भी अकेलापन याद आ जाता है 

बस एक दो-दिन लगते हैं उनकी तरह बनने में 

लेकिन एंड में सब ठीक हो जाता है


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