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सोनी गुप्ता

Tragedy Action

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सोनी गुप्ता

Tragedy Action

यात्रा भुलाए नहीं भूलती

यात्रा भुलाए नहीं भूलती

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उस एक रात की घटना, 

आज भी भुलाए नहीं भूलती है ,

वो यात्रा जैसे मेरे जीवन की, 

आखिरी यात्रा थी, 

उस रात अकेला मैं,

उस सड़क पर चला जा रहा था, 

जाने कहाँ जाना, 

नहीं पता बस चला जा रहा था, 

ना जाने क्यों उस रात, 

दिल मेरा बेचैन हो रहा था , 


जाने क्या पीछे छोड़कर ,

एक ऐसी यात्रा पर, 

चला जा रहा था जहाँ, 

मन व्यथा से भरा हुआ था, 

उस एक रात की वो यात्रा, 

आज भी भुलाए नहीं भूलती है ,

कुछ सवाल मन में मेरे ,

अभी भी उमड़ते रहते हैं, 

आंखों के सामने अभी भी, 

वो मंजर नजर आता है ,


जिसे सोचकर आज भी, 

दिल मेरा डर से कांप जाता है ,

हाँ एक सुनसान सड़क पर, 

अकेली थी वो लड़की, 

न जाने कौन थी? 

पर कुछ जानी पहचानी लगती थी, 

कुछ हिम्मत बढ़ाकर ,

अपने कदमों को आगे बढ़ाया, 


दिल घबरा रहा था, 

कदम आगे नहीं बढ़ पा रहे थे, 

उस अकेली लड़की को देख, 

मन ही मन सोच रहा था, 

इसे जरूरत है किसी की ,

शायद बेचारी परेशान है ,

इसलिए रो रही है,

मन में कई सवाल उमड़ रहे थे, 


क्या हुआ है इसको? 

कौन है? यह कहाँ से आई है? 

कुछ और कदम आगे बढ़ा ,

चेहरा उसका देखकर, 

सहसा चौंक -सा गया मैं,

मेरे तो कदमों से ,

जैसे धरती ही निकल गई, 

वह लड़की और कोई नहीं ............

फूलों से नाजुक मेरी बेटी थी,

 हाँ वो मेरी बेटी थी, 


जब तक उसके पास पहुंचा, 

वो मुझे छोड़ जा चुकी थी, 

क्या कसूर था उसका, 

बस सज संवर कर निकली थी, 

क्यों उसकी आबरू, 

तार-तार कर दी सरेआम दरिन्दों ने , 

पूरी रात सड़क पर, 

रोती बिलखती रही, 


पर किसी ने उसे नहीं बचाया,

समाज आज भी क्यों मौन है, 

क्या कसूर था, 

मेरी फूल -सी बच्ची का, 

क्यों? 

किसी के हवस का शिकार हो गई , 

उस एक रात की यात्रा को भूले नहीं भूलता हूँ, 

उसकी सिसकियाँ आज भी कानों में गूंज रही है!

उस एक रात की घटना, 

आज भी भुलाए नहीं भूलती है I



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