विज्ञान की तुम हो देन
विज्ञान की तुम हो देन
आदि मानव की रोबोट एलियन से हुई भेंट,
लेकर आया हूं आधुनिक विमान जेट।
आज भी हम मशाल लेकर खड़े है,
बिजली बिना ही रात भर लेटे हैं।
विज्ञान की तुम हो देन,
हमको धरती पर नहीं है चैन।
चारों तरफ धुआं व पेड़ कट गए,
विकास के नाम पर हम सब बंट गए।
तुम मशीन हो भैया,
नहीं मिलती धरती पर छैया।
कौन सुनेगा किसको सुनाए,
इसलिए चुप रहते हैं,
इंसान नहीं सुनते तो,
तुम से ही सब कहते हैं।
हम आदि मानव सब सहते हैं,
इसलिए गुफाओं में ही रहते हैं।