संसार
संसार
मुसलसल चला ये संसार देखो
हर तरफ़ लगा ये बाज़ार देखो
ख़रीदे है कोई ख़ुशियाँ किसी की
कोई करता रिश्तों का व्यापार देखो
कोई बेचे सपने अपने यहाँ पर
किसी को है ख़्वाबों की दरकार देखो
न अपना कोई है न कोई पराया
सब हैं यहाँ पर ख़रीदार देखो
बेचे कोई भी ख़रीदे कोई भी
बिकता है मजबूर हर बार देखो