सहित्य, और सिर्फ साहित्य
प्यार का लुका छिपी का ये खेल बहुत दिनों तक नहीं चल पाया प्यार का लुका छिपी का ये खेल बहुत दिनों तक नहीं चल पाया
नन्ही मुग्धा भी दिन में कई बार जा गिरती कनिया की गोद में नन्ही मुग्धा भी दिन में कई बार जा गिरती कनिया की गोद में
जिसकी कल्पना मात्र से किसी विवाहित स्त्री की रूह कांप जाए जिसकी कल्पना मात्र से किसी विवाहित स्त्री की रूह कांप जाए