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Prateek Tiwari (तलाश)

Children Inspirational

5.0  

Prateek Tiwari (तलाश)

Children Inspirational

परिंदे घर से निकले

परिंदे घर से निकले

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परिंदे घर से निकले है

नई उड़ाने भरने को।

हृदय में नूतन तेज़ भरे 

कुछ जीवन में करने को ।।


इच्छाएँ सब है परे धरी, 

लक्ष्य एक ही साधा है।

दृष्टि ध्येय पर टिकी हुई 

न दिखती कोई बाधा है ।।


ख़ूब लड़े फिर जीवन से 

संसार चक्र सब सीख लिया।

साहस जब कमज़ोर पड़ा 

तो मन भीतर ही चीख़ लिया ।।


पर थक कर अब चूर हुए है

फिर भी तैयार न डिगने को ।

परिंदे घर से निकले है

नई कहानी लिखने को ।।


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