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Dharitri Mallick

Drama Fantasy

5.0  

Dharitri Mallick

Drama Fantasy

गर शामिल कर लेते मुझे भी

गर शामिल कर लेते मुझे भी

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तुम्हारे आगोश में खुद को खो दूँ,

अपने सारे ग़म को भुला दूँ,

काश तुम पास होते मेरे,

जीने की कुछ तो वज़ह मिल जाती मुझे !


जीना तुम्हारे बिना,

बिन जल मछली हो जैसे,

वो सादगी नज़र नहीं आयी,

किसी और की आँखों में मुझे !!!!


ढूँढती रही बस ये नज़र,

हर मोड़ पे दीदार हो जाये तुझसे,

काश तुम मिल जाते किसी कारण से,

तो इन सैंकड़ों के क्या मायने रहते ???


वो खुशबू प्यार की हमारी,

किन हवा में खो गयी ?

इस भीड़ में अकेली रह गयी,

तुमने तो बसा लिया संसार अपना,

पर मेरा संसार तो तुमसे ही था !!!!!


आज वो बिखर गया,

टूट गया, कहीं खो-सा गया,

बेजान मूरत-सी बन गयी,

अब तो बस इंतज़ार है,

या तुम आओ या फिर मौत आये !!!😢


हर किसी में मैंने तुमको ही तलाशा,

तुम ना मिले पर सैंकड़ों गम मिले,

मायूस हो चुकी ज़िंदगी से,

खत्म न होगी ये घड़ी इंतजार की !!!!


गर तुम शामिल कर लेते,

मुझे भी अपने संसार में,

तो क्या गुनाह हो जाता यार मेरे ???😢


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