में माँग तेरी भर लू
में माँग तेरी भर लू
ऐसा मेरा नसीब कहाँ!
मेरा सारा जहां वहाँ
बस तेरे कहने की ही देरी है
सारा जग मेरा बैरी है।
तू होगी मेरे आँगन की तुलसी
मैं तो अनाड़ी और ऊपर से आलसी
तेरा आना मेरा शुभ प्रभात होगा
जीवन में अच्छी शुरुआत से होगा।
इश्क़ तो एक बहाना है
उसको अमली जामा पहनाना है
मैं अभी जाना की कहाँ हूँ?
मेरा उजाला तू और तेरी हां में हां हूँ।
ना कर अब देरी
मेरी दुनिया है अंधेरी
बना दे उसे रंगीन और भर दे रंग सुनहरी
वरना मैं तो करता ही रहूंगा "हरि-हरि"
तेरी होगी जवानी
पर होगी मेरी कहानी
खूब चर्चे होंगे हमारे
लोग लोटपोट हो जाएंगे
सुन कर हमारी कहानी।
ना कहना किसी सखी से
वरना हो जाएंगे सब दुखी मन से
उन्होंने भी सपना सजा रखा था
पर मैंने तो उसे तेरे लिए ही सम्हाल के रखा था।
बस अब देरी नहीं
कोई मनसा अधूरी नहीं है
मैं और तू कहानी के दो पहलू
अब छोड़ जिद और आ जा
"मैं माँग तेरी भर लूं"