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Hasmukh Amathalal

Inspirational

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Hasmukh Amathalal

Inspirational

जैसा नाम

जैसा नाम

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जैसा नाम वैसा ही कर्म

ना लाओ बीच में कोई भी धर्म

पाओगे चैन और सुख-संपत्ति

यदि भगवान देता है आपको सद्बुद्धि।


हँसते रहो और बिखेरते रहो

अपनी ख़ुशी को कायम रखो और बटोरते रहो

चिंतन मन में ऐसा चले

किसी के दिल को ना गिला करे।


मिले है इस भव में संयोग से

ना कभी अलग होने वियोग से

निभाएंगे हम अपना कर्तव्य

यदि होगे भी हमारे अलग मंतव्य।


प्रेम ने हमें मन्त्र दिया

कड़वाहट को दिल से मिटा दिया

जो भी मिला प्यार से उसे अपना लिया 

मन में था जो भी मैलापन उसे भुला दिया।


आज मन में चेतना का उदय हुआ है

काले बादलों का हटना शुरू हुआ है

हम प्रगति के पथ पर अग्रसर हुए है

गले से गले मिलकर प्रेम विभोर हुए है।


ना जाना था शांति की होगी इतनी प्रशंसा

दिल में कब से ही बसी थी ऐसी मंशा !

बस संयोग से हो गया अचानक ओर सहसा

दिल हो गया तन्मय और थोड़ा सा हसा।


अपने मन में हो संयम

और रहे सदा कायम 

बना लो जिंदगी में एक नियम

रहे सदा अडिग यदि आ भी जाए यम।


कुछ चीजे बुन जाती है अपने आप

स्वभाव बन जाता है और नहीं होता संताप  

सब ठीक ठाक चलता रहता है मन के मुताबिक़

अनुकूल रहती है परिस्थिति और नहीं आती

अड़चन कौटुम्बिक।



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