Hasmukh Amathalal

Inspirational

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Hasmukh Amathalal

Inspirational

तेरे बिना

तेरे बिना

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तेरे बिना

लागे ना जीया 

तूने ये क्या कर दिया ?

मुझे खूब सता दिया।  


दिन का था उजाला

नहीं मेरे से समला

बादल उमड़े काले-काले

ऊपर से तुही सताले।


मेरा जिया अब नहीं है बस में

तू भी तो है अब असमंजस के घेरे में

 ना मुझे तू कभी "हाँ" कहती नहीं

और मुझसे "ना" कभी सेहती नहीं।


अब बताओ तुम ज़रा

कैसे जीवन उतरेगा खरा ?

 दिल में ठसालो अब एक ही बात !

वरना कटेगी नहीं सारी रात। 


 मौसम की मार अब सही नहीं जाती

यादों की बारात यूँही चली आती

 जब आती घुंघरू की आवाज बड़ी दूर से

मन मचल जाता बडी बेचैनी से।


प्रेम तो है एक दरिया 

शौख से जीने का जरिया

जिसने उसे सिख लिया

मानो संसार को पूरा समज लिया।


अब बारी है हमारी, कुछ कहने की

हिम्मत भी रखी है, कुछ सहने की

अब तो करो एक छोटा सा वादा

साथ जीने का नेक है इरादा।


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