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VanyA V@idehi

Inspirational

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VanyA V@idehi

Inspirational

उनको नमन

उनको नमन

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(सत्य सनातन सार्वभौम भारत के जनप्रिय प्रथम राष्ट्राध्यक्ष भारत रत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी की जन्म जयंती पर कोटि कोटि नमन)


आओ जिन्हें भुलाने विसराने का प्रयास किया,उस महामानव को कोटि- कोटि नमन करें.

डॉ राजेन्द्र बाबू के सत्य सनातन आचरण से,भारत के उपवन में राष्ट्र प्रेम का अमन भरें.

तीन दिसंबर अठारह सौ चौरासी, जीरादेई सीवान में जन्म हुआ

पिता महादेव सहाय माता कमलेश्वरी देवी का, जीवन धन्य हुआ

श्यामल अंबर में जैसे, शरद सूर्य की स्वर्ण किरण बिखरी हो 

शीतल सिहरन मंद पवन में, तरुण अरुण की, ऊर्जा उमंग निखरी हो

भारत के कण कण को धवल बनाने, जैसे गगन से नवल ज्योति उतरी हो

नव नूतन पल्लवित प्रसून की सुगंध, साॅ॑सों के उपवन में बिखरी हो

देश को संयम सादगी सेवा त्याग देशभक्ति का, अद्भुत संयोग मिला

देश रत्न, प्रथम राष्ट्राध्यक्ष,भारत रत्न, ऐसा विराट विशाल व्यक्तित्व मिला

जो राजनीति का विषपायी नीलकंठ बना,रखे रहा वाणी में अमृत ढाल

वह पद वैभव से सदा विरक्त रहा, बुना न कभी कूट कपट कुटिल जाल

वह प्रसुमन बना रहा राष्ट्र का, बिहार का सुरभित सुंगधित हार बना

ज्ञान, बुद्धि, विवेक का प्रखर प्रवर,संविधान सभा का अध्यक्ष बना

स्वतंत्रता, संस्कृति, संस्कार का चिर व्रती, हर दुर्बल का मन मीत बना

अठ्ठाईस फरवरी उन्नीस सौ तिरसठ, कोटि हृदय सम्राट, कीर्तिशेष बना!

माना न जिसने कद बढ़ा न पद बढ़ा,हर मुसीबत में रहा देश के साथ खड़ा!

जो सिद्धांत, संस्कृति के लिए रहा सदा अड़ा, इसलिए जन मन में रहा वह सबसे बड़ा!




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