दिवाली प्रदूषण मुक्त मनायें
दिवाली प्रदूषण मुक्त मनायें
हर वर्ष दिवाली आती है
चली जाती है
जाते जाते एक उमंग तो दिल में
जगा जाती है
दिवाली पर घर की देहरी पर
रखे दीपक की तरह ही
दिल के मंदिर में भी
एक दीप प्रज्वलित होता है जो
अगले वर्ष दीपावली के आगमन
तक
न बुझता है
मेरा दिल एक महल के साथ साथ
एक झोपड़ी में भी दीपक जल
पाये तभी प्रसन्न होता है
दिवाली पर एक संकल्प तो
हर कोई यह मन में उठाये कि
दिवाली धूमधाम से मनायेंगे लेकिन
इससे प्रदूषण न हो या
कम से कम हो
यह प्रयत्न करेंगे
समाज में
हर वर्ग को
यह एक ठोस कदम अवश्य
उठाना ही चाहिए
दिवाली पर
रोशनी करें
एक दूसरे से
पूर्ण तन्मयता से मिलें
सुंदर वस्त्र धारण करें
एक दुल्हन की तरह सजे धजे
भांति भांति के पकवानों का स्वाद चखें
सब कुछ अपने मन का करें
घर से निकलें
सैर सपाटा करें
खुद का मनोरंजन भरपूर करें
मनचाही वस्तुओं की खरीदारी करें
जो जी में आये
दिल खोलकर अपनी
आकांक्षाओं को पूर्ण करें लेकिन
एक जागरूक नागरिक होने का भी परिचय दें
यह संकल्प मन में बार बार दोहराये कि
पटाखे, बम आदि फोड़ कर
प्रदूषण न करें
वायुमंडल को धुएं से न भरें
उसे काला न करें
सांस लेने में कठिनाई हो
भविष्य में तरह तरह की
गंभीर बीमारियों को आमंत्रण न दें
घर को
अपने आंगन को
अपने शहर को
सितारों की रोशनियों से
सजायें
देखने पर ऐसा प्रतीत हो कि
आसमान के सितारे आज
जमीन पर जैसे उतर आए हों
रोशनियों के अंबार
चारों तरफ लहरायें लेकिन
वायुमंडल की स्वच्छता का ख्याल
किसी अपने की तरह ही रखें
वायुमंडल प्रदूषण मुक्त रहेगा तो
दिवाली धूमधाम से मनने के
साथ साथ
हर किसी का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।
