जैसा नाम
जैसा नाम
जैसा नाम वैसा ही कर्म
ना लाओ बिच में कोई भी धर्म
पाओगे चेन और सुख-सम्पति
यदि भगवान् देता है आपको सद्बुद्धि।
हँसते रहो और बिखेरते रहो
अपनी ख़ुशी को कायम रखो और बटोरते रहो
चिंतन मन में ऐसा चले
किसीके दिल को ना गिला करे।
मिले है इस भव में संयोग से
ना कभी अलग होने वियोग से
निभाएंगे हम अपना कर्तव्य
यदि होगे भी हमारे अलग मंतव्य।
प्रेम ने हमें मन्त्र दिया
कड़वाहट को दिल से मिटा दिया
जो भी मिला प्यार से उसे अपना लिया
मनमें था जो भी मैलापन उसे भुला दिया।
आज मन में चेतना का उदय हुआ है
काले बादलों का हटना शुरू हुआ है
हम प्रगति के पथपर अग्रेसर हुए है
गले से गले मिलकर प्रेमविभोर हुए है।
ना जाना था शांति की होगी इतनी प्रशंसा
दिल में कब से ही बसी थी ऐसी मनसा!
बस संयोग से हो गया अचानक ओर सहसा
दिल हो गया तन्मय और थोड़ा सा हसा।
अपने मन में हो संयम
ओर रहे सदा कायम
बना लो जिंदगी में एक नियम
रहे सदा अडग यदि आ भी जाए यम।
कुछ चीजे बुन जाती है अपनेआप
स्वभाव बन जाता है और नहीं होता संताप
सब ठीकठाक चलता रहता है मन के मुताबिक़
अनुकूल रहती है परिस्थिति और नहीं आती अड़चन कौटुम्बिक।