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ashok kumar bhatnagar

Inspirational

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ashok kumar bhatnagar

Inspirational

“ मंजिल की तलाश में हूँ,”

“ मंजिल की तलाश में हूँ,”

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मंजिल की तलाश में हूँ,

मैं थका नहीं हूँ, बस सुस्ता रहा हूँ।

जानता हूँ कि हार के आगे जीत हैं,

मुझे आशा नहीं छोड़नी हैं।


आज नहीं तो कल मेरी मंजिल मुझे मिल ही जाएगी,

क्योंकि हौसले और संघर्ष की इन्तेहा हैं।

जब तक दिल में जगह हो उम्मीदों की,

मैं अपने सपनों के लिए संघर्ष करता रहूँगा।


कभी कभी रास्ते थका देते हैं,

पर मैं हिम्मत नहीं हारता हूँ।

बादलों के छाँव में मैं बढ़ता जाता हूँ,

मेरे सपनों को हकीकत में बदलता हूँ।


अभी तो मेरी कहानी अधूरी हैं,

पर मन में उम्मीदों की किरण जगाता हूँ।

जीत तक का सफर लंबा हैं,

पर मैं थका नहीं हूँ, बस सुस्ता रहा हूँ।


मंजिल की तलाश में हूँ,

मैं थका नहीं हूँ, बस सुस्ता रहा हूँ।

मैं जानता हूँ कि हार के आगे जीत हैं,

मुझे आशा नहीं छोड़नी हैं।


आज नहीं तो कल मेरी मंजिल मुझे मिल ही जायेगी,

चलो आगे बढ़ें, हारने का विचार छोड़ जायें।

जीवन की लहरों में हम तैरेंगे,

खुद को साकार करेंगे, अपनी आत्मा को पहचानेंगे।


हर कदम पर नई चुनौतियाँ मिलेंगी,

पर हम निरंतर आगे बढ़ते जाएंगे।

मंजिल की ख्वाहिश न हारे हम,

संघर्ष के रास्ते पर हर काँटा चढ़ते जाएंगे।


क्योंकि मंजिलें नहीं मिलतीं बिना मेहनत के,

हम जीत के रंग में खुद को सजाते जाएंगे।

हार नहीं मानेंगे, अपनी हिम्मत को बिखेरेंगे,

ख्वाबों की उड़ान में आगे निकलेंगे।


धैर्य और मेहनत से पायेंगे अपनी मंजिल,

कभी न हार मानेंगे ।

यकीन रखें अपनी क्षमता में,

मंजिल की खुशबू में आगे बढ़ते जाएंगे।


मंजिल की तलाश में हूँ,

मैं थका नहीं हूँ, बस सुस्ता रहा हूँ।

मैं जानता हूँ कि हार के आगे जीत हैं,

मुझे आशा नहीं छोड़नी हैं।


आज नहीं, तो कल मेरी मंजिल मुझे मिल ही जाएगी,

काल रंगीन सपनों की दुनिया में खिल ही जाएगी।

हौसले से भरी हर कठिनाई को छुड़ाते हुए,

मैं अपनी मंजिल की और आगे बढ़ रहा हूँ।


हर कदम पर जीवन के सफर में सीखता हूँ,

हारने को एक नई शुरुआत समझता हूँ।

धैर्य से विश्वास की माला में बंधता हूँ,

और अपनी आशा का संगीत गुनगुनाता हूँ।


कभी-कभी रास्ते थकावट दिखा देते हैं,

लेकिन मैं हार नहीं मानता, संघर्ष करता रहता हूँ।

जीवन के सफर में मुझे आगे बढ़ाता हैं,

विश्वास और वीरता का प्रेरणादायी ताना, यही मंत्र गाता रहता हूँ।


हर चुनौती को गले लगाता हूँ,

मंजिल की ओर बढ़ता रहता हूँ।

जीवन के विभिन्न मोड़ पर रुक जाता हूँ,

लेकिन नहीं हारता, आगे की उड़ान भरता रहता हूँ।


हार क्या हैं? सिर्फ एक सोच हैं,

मैं जीत की तरफ बढ़ता रहता हूँ।

विश्वास, संघर्ष और मेहनत का बचाव करता हूँ,

अपनी मंजिल को छूने का सपना पलता रहता हूँ।



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