वजूद

वजूद

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आज उस का बर्थडे था।गुनगुनाते हुए वह अपने रोजमर्रा के कामों में उलझी थी।उसने घर के हर एक सदस्य के पसंद की चीजे बनाई और सब ने हँसी मजाक करते हुए रात का खाना खाया। सब लोग ड्राइंग रूम में टीवी के सामने बाते करते हुए बैठ गए। Good night कहते हुए वह अपने bedroom में आ गयी। बेड पर बैठते ही वह फुट फुट कर रोने लगी।आज उसका birthday किसी को भी याद नहीं था। 

उसे लगा जैसे वह बस एक cook, washing machine, इलेक्ट्रिक प्रेस या आजकल किचन में use होने वाला food processor है।

सब को कम्फ़र्ट देनेवाली वह एक मशीन है जो उनके खाने पीने का ध्यान रखती है।क्या वह घर का कोई पुराना सा सामान है जिसकी अब घर मे किसी की जरूरत नही रही?इस घर में उसका क्या वजूद है?

दिल और दिमाग की इस जद्दोजहद में उस का दिल बार बार कह रहा था कि काश इस चुभते सवाल का जवाब ना में हो।


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