सारे गाँव के सामने बड़े धुमधाम से सुमित्रा को ब्याहकर हमेशाके लिए अपने घर ले गया। सारे गाँव के सामने बड़े धुमधाम से सुमित्रा को ब्याहकर हमेशाके लिए अपने घर ले गया...
वह इस पुस्तक को पढ़कर अपने जीवन को नई दिशा एवं नई राहें दे सकता है। वह इस पुस्तक को पढ़कर अपने जीवन को नई दिशा एवं नई राहें दे सकता है।
सुमन प्यार से बच्चों को आशीर्वाद देते हुए सबसे बहुत खुशी से मिल रही थी। सुमन प्यार से बच्चों को आशीर्वाद देते हुए सबसे बहुत खुशी से मिल रही थी।
नरेंद्र और निशा बच्चे को गोद में लिए घर से बाहर निकल गए। नरेंद्र और निशा बच्चे को गोद में लिए घर से बाहर निकल गए।
कभी कभी अपने को बढ़ा-चढ़ा कर बताना जरूरी नही होता।समय आने पर साथ निभाना जरूरी होता है। कभी कभी अपने को बढ़ा-चढ़ा कर बताना जरूरी नही होता।समय आने पर साथ निभाना जरूरी हो...
और ये कहते हुए उसके प्राण निकल गए। और ये कहते हुए उसके प्राण निकल गए।