सारे गाँव के सामने बड़े धुमधाम से सुमित्रा को ब्याहकर हमेशाके लिए अपने घर ले गया। सारे गाँव के सामने बड़े धुमधाम से सुमित्रा को ब्याहकर हमेशाके लिए अपने घर ले गया...
उन विचारों से ही तो हम जान पाते हैं कि शून्य शून्य होकर भी पूरा गोल है। उन विचारों से ही तो हम जान पाते हैं कि शून्य शून्य होकर भी पूरा गोल है।
है माँ ! मन को उसकी मंजिल दे और मुझे सुकून। है माँ ! मन को उसकी मंजिल दे और मुझे सुकून।
सुरेश ने ज़ब कहा तबसे श्रुति ने खुद को कभी कम नहीँ समझा। सुरेश ने ज़ब कहा तबसे श्रुति ने खुद को कभी कम नहीँ समझा।
खुद के लिए भी सोचना चाहिए। क्यूंकि जिंदगी हमारी है। खुद के लिए भी सोचना चाहिए। क्यूंकि जिंदगी हमारी है।
खुद को ताज्जुब है कि मैं ऐसा कोई नहीं है कर नहीं सकती। खुद को ताज्जुब है कि मैं ऐसा कोई नहीं है कर नहीं सकती।