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Kunda Shamkuwar

Drama

3  

Kunda Shamkuwar

Drama

शब्दों की दुनिया

शब्दों की दुनिया

2 mins
340

हमारे शब्दों की दुनिया बड़ी ही मजेदार होती है।आप ने बस बारीकी से देखना होता है और महसूस करना होता है।

आपने कभी देखा होगा इन्हें।कभी ये से अनबन तो कभी अमन ले कर आते हैं।

से ये मंदिर बनाते है तो कभी मस्जिद में लेकर जाते हैं हमें।

से हम सहमते है तो कभी हमसे सहमत भी होते है। से लड़ते हैं तो कभी साथ लंगर भी खाते हैं।

से आतंक भी फैलाते हैं तो बहुत बार आशा की किरण भी दिखाते है। कई बार आँसू बन किसी कठोर इन्सान को मोम सा पिघला देते है।

से कितनी बार कहासुनी करते है तो रोज रात को कहानी भी सुनाते हैं।

से किसान के संग हल भी चलाते है तो कभी मंदिरों में हर हर कहते रहते हैं।

कभी से उदास रहते है तो कभी ऊर्जा से भरपूर होते हैं।

कभी से रंजिश रखते है तो कभी रहम भी दिखाते है।और बहुत बार राजनीति भी करते है।राजनीति करते हुए कई राज भी दफन करते जाते हैं।

फ़ से कभी इनके होश फाख्ता होते है तो कभी फाकों में रात गुजारते है और कभी दिलों में फासले भी पैदा करते है।

से कभी आसमाँ में पतंग बन उड़ते रहते है तो कभी जमीन पर पंक्तियों में कही भी किसी भी line में खड़े हो जाते है।

से कभी शब्द बन बोलते रहते है तो कभी शबद बन गुरूद्वारे में गाते रहते हैं।

से दवा बनते है और साथ मे दुआ भी देते है तो बहुत बार दारू से नशा देकर सब कुछ नाश कर देते है।

से भयभीत करते है तो कभी भरोसा भी तो देते है।

से कभी ये बनठन कर बाज़ार में जाते है तो कभी खुद ही बाज़ारू बन जाते हैं।

कभी से गुनगुनाते है तो कभी गूँगे बन बैठा जाते है।और गुस्से में गोली भी मार देते हैं।


शब्द क्या नही कर सकते? वह हमारी दुनिया बनाते है उसमें विचार भर देते है।उन विचारों से ही तो हम जान पाते हैं कि शून्य शून्य होकर भी पूरा गोल है।


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