बिखरें हुए कुछ शब्द और अल्फाज को चुन कर उन्हें धागों में पिरोकर कभी माला बनाती हुँ तो कभी गजरा.....शब्दों से फ़िजा गुनगुनाती है तो अल्फाजों से फ़िजा महकती है....
Share with friendsबेटा, ये नौकरी करने वाली औरतें होती है ना,वे किसी काम की नही होती हैं।
Submitted on 18 Feb, 2021 at 20:18 PM
फिर क्या ? सारी यादें जैसे बिखर जाती है और जिंदगी भर टीस देती रहती है
Submitted on 17 Feb, 2021 at 20:53 PM
वह तो वैसे भी गुज़र जाती है। मुखौटें में भी और मुखौटें में ही।
Submitted on 17 Feb, 2021 at 20:28 PM
यूँही बातचीत में किसी ने प्रोटीन और कॉर्ब इनटेक के बारें में बात करनी शुरू कर दी।
Submitted on 08 Feb, 2021 at 22:00 PM
उस बच्चे को देखकर लगा जैसे मजदूरों के बच्चे बीमार होना शायदafford नहीं कर सकते...
Submitted on 03 Feb, 2021 at 15:49 PM
ये कड़ाके की ठंड में रातों को सड़क पर सोनेवाले मात्र शरीर होते है।
Submitted on 02 Feb, 2021 at 21:19 PM
पुरुष प्रधान संस्कृति में अपने अधिकारों के लिए लड़ना ही जैसे फेमिनिज़्म हो गया है।
Submitted on 30 Jan, 2021 at 22:01 PM
अब वह जान गयी है कि सुंदरता बेचने वाला बाज़ार हक़ीक़त में बेहद बदसूरत और खुदगर्ज़ है.....
Submitted on 22 Jan, 2021 at 16:19 PM
मैं कोहरे से परेशान हो रही थी। मुझे कोहरे के ऊपर गुस्सा आ रहा था
Submitted on 22 Jan, 2021 at 16:02 PM
क्योंकि जिंदगी सिर्फ प्रेम की ही माँग नही करती बल्कि उसे और भी कई चीजों की दरकार होती ह
Submitted on 17 Jan, 2021 at 18:04 PM
हक़ीक़त में लड़कियों को अब प्यार के साथ पैसा, गाड़ी, बंगला भी चाहिए
Submitted on 09 Jan, 2021 at 16:43 PM
क्यों सपनों की सतरंगी दुनिया हकीकत की दुनिया से इतनी जुदा होती है।
Submitted on 23 Dec, 2020 at 17:09 PM
वक़्त के साथ नौकरी मिली और बाद में शादी भी हो गयी......
Submitted on 10 Dec, 2020 at 11:36 AM
घर के बड़े बूढ़े सब कहते थे भगवान अंतर्यामी होते है.....वे सब जानते है.
Submitted on 10 Dec, 2020 at 08:00 AM
अपने करियर और आइडेंटिटी के लिए थोड़े और वक़्त की माँग जरूर करनी चाहिए।
Submitted on 08 Dec, 2020 at 06:55 AM
औरतों की कमाई पर डाका डाला है ? आपका क्या ख़याल है इस बारें में ?
Submitted on 03 Dec, 2020 at 16:05 PM
इस बात का मुझे विश्वास करना मेरे लिए बेहद कठिन हो रहा था।
Submitted on 28 Nov, 2020 at 20:31 PM
मेरी शिकायतें भी कई तरह की है। कुछ तन की... कुछ मन की
Submitted on 28 Nov, 2020 at 13:16 PM
औरतों को न बँटवारा करने का हक़ मिले और न ही उनका ज़ायज़ हक़ भी।
Submitted on 23 Nov, 2020 at 20:57 PM
मैं तुम्हारी स्टडी में कुछ किताबें कभी पढ़ लिया करूँगी
Submitted on 14 Nov, 2020 at 08:40 AM
मेरे जैसे नये चित्रकार से ऐसे ही कुछ बनेगा न?
Submitted on 10 Nov, 2020 at 08:02 AM
"पतियों के लिए शायद पत्नियाँ भी उस अम्ब्रेला की तरह ही होती हैं।
Submitted on 05 Nov, 2020 at 00:52 AM
हमारे रिश्तों में ताल्लुक़ बेहद अजीब तरह से रियेक्ट करते हैं।
Submitted on 04 Nov, 2020 at 21:03 PM
आज पहली बार उसने मुझे मेरे नाम से सम्बोधित किया था!
Submitted on 02 Nov, 2020 at 20:17 PM
अपने करियर को छोड़कर फैमिली को प्रायोरिटी देने का निर्णय क्या कम एडजस्टमेंट वाला होता है? और उसका कोई मोल क्यों नहीं होता...
Submitted on 01 Nov, 2020 at 14:15 PM
महानगरों के गिद्ध नोचने के लिए कई तरीक़ों को अपनाते है....
Submitted on 28 Oct, 2020 at 10:25 AM
लड़कियां तो पराई होती है। शादी के बाद तो पति का घर ही तुम्हारा घर होगा।
Submitted on 18 Oct, 2020 at 06:07 AM
बात जो खत्म हो जाये वह क्या कोई बात होती है भला ?
Submitted on 28 Sep, 2020 at 19:48 PM
खौफ़ का भयानक सा चेहरा कल मैंने देखा था,हँसियेगा नहीं आप।
Submitted on 27 Sep, 2020 at 13:06 PM
"तुम यूनिवर्सिटी में पढ़नेवाली लड़कियाँ न जाने क्या क्या कहती रहती हो?
Submitted on 21 Aug, 2020 at 15:13 PM
'तुम्हारी आँखे खूबसूरत है........'वह अक्सर यही कहता रहता था !
Submitted on 16 Aug, 2020 at 09:17 AM
मुमकिन हो की मुमकिन ना हो, घर का यूँ मकान में बदलना कभी।
Submitted on 09 Aug, 2020 at 19:33 PM
सवाल भी कभी कभी कितने सवाल करते रहते है....कभी थकते ही नही वे.....
Submitted on 09 Aug, 2020 at 11:43 AM
सड़कें बिलकुल आवारा होती हैं घर के बाहर भटकती रहती हैंं!
Submitted on 05 Aug, 2020 at 12:00 PM
यह सवाल करता है तब जान लीजिए कि 'वे' सिर्फ फ्रेंड्स नहीं "और कुछ" होते हैं।
Submitted on 04 Aug, 2020 at 19:57 PM
जो दिखता है वही बिकता है' की तर्ज़ पर बॉलीवुड और टीवी की हीरो-हिरोइन के किस्सों के बारे लिखना शुरू कर दिया ....
Submitted on 02 Aug, 2020 at 21:52 PM
तारों का गिनती करते करते जिंदगी खत्म हो जाती है.....और यह गिनती फिर भी मुकम्मल नहीं हो पाती....
Submitted on 02 Aug, 2020 at 21:04 PM
यह यादों का समंदर बस उफनता रहता है या फिर मंद पड़ा रहता है।
Submitted on 19 Jul, 2020 at 05:57 AM
छोड़ो उनको,वह सब अच्छे घर की लड़कियाँ नहीं हैं।
Submitted on 17 Jul, 2020 at 18:39 PM
घास भी हार न मानकर अनुकूल समय आने पर फिर से खड़ी हो जाती है!
Submitted on 11 Jul, 2020 at 08:49 AM
जिन्होंने उन पर एसिड अटैक किया था उनकी बदसूरत सोच को ही दिखा रही थी।
Submitted on 06 Jul, 2020 at 09:40 AM
अब भी वह शिकार करता है लेकिन उसने अब शिकार करने के तरीके बदल दिए हैं!
Submitted on 28 Jun, 2020 at 09:05 AM
उस चौखट की मरम्मत के बारे में मिस्त्री की राय को भी अनसुना करता है।
Submitted on 16 Jun, 2020 at 10:37 AM
दरअसल मुझे कल लग रहा था की मेरे सामने रिश्तों का कत्ल हो रहा हो!
Submitted on 10 Jun, 2020 at 20:46 PM
औरतें मन की खुशी को तालों मेंं बंद करके उसकी चाबी किसी समंदर मेंं फेंक देती हैं।
Submitted on 07 Jun, 2020 at 19:21 PM
पूरे घर में चारों तरफ उदासी का ही रंग छाया रहा
Submitted on 07 Jun, 2020 at 07:59 AM
ये मेरे वजूद को और मेरे इंटेलिजेंस को सवाल करने जैसा लगता है
Submitted on 05 Jun, 2020 at 12:37 PM
अस्सल में बात खत्म होने के बाद ही बात शुरू हो जाती है....आप को भी शायद इत्तेफ़ाक़ होगा...
Submitted on 31 May, 2020 at 22:23 PM
इस प्रोसेस में न जाने कितने झरोखों को बंद करती जाती है खोलते जाती है।
Submitted on 30 May, 2020 at 20:51 PM
तुम्हें नहीं पता, मिसेज शर्मा वाले बहुत ज्यादा नाराज़ है।
Submitted on 25 May, 2020 at 07:47 AM
अनकही रह गयी है बिल्कुल इस चाय के आधे कप की तरह....
Submitted on 17 May, 2020 at 15:20 PM
भूखे प्यासे मजदूरों को सपने छोटे छोटे बच्चों के साथ हज़ारों मील पैदल जाते देख कर क्या वह मोनालिसा बना पाते?
Submitted on 16 May, 2020 at 12:02 PM
क्या यह सही नहींं है ? आप भी कभी जरा सोचकर देखिये...
Submitted on 15 May, 2020 at 09:13 AM
रोशनी की हलकी सी गुंजाइश भी जिंदगी बदल देती है....
Submitted on 14 May, 2020 at 20:35 PM
उसे उड़ाकर उसे अपनों के साथ अपनों के बीच उसको गाँव ले जा रही है....
Submitted on 11 May, 2020 at 18:09 PM
आज मैं तुमसे और तुम्हारी माँ से और दुनिया की सारी बेटीयों से माफ़ी माँगती हूँ
Submitted on 10 May, 2020 at 14:34 PM
इंडियन रेलवे पूरे भारत की गरीब से गरीब जनता का भी ध्यान रखती है।
Submitted on 09 May, 2020 at 19:56 PM
बरगद को और भी दूसरे पेड़ों को हम इन्सानों ने बोन्साई किया
Submitted on 09 May, 2020 at 19:21 PM
शर्ट की गंध को सूँघ कर शायद मैं उसकी कमी को पूरा कर रही थी।शर्ट में बसी उसकी गंध को जैसे मैं अपने दिलदिमाग मे क़ैद करना च...
Submitted on 09 May, 2020 at 16:31 PM
दुनिया के सामने जब भी मुझे जाना होता है,तब झट से आँखों में काजल लगा लेती हूँ और होठों पर मनपसंद कलर के शेड की लिपस्टिक भ...
Submitted on 08 May, 2020 at 17:32 PM
वह तीन बंदर क्या अपने मक़सद में कामयाब होंगे ? क्या हम इंसान फिर से सच्चाई की राह पर चलना शुरू कर पाएँगे?
Submitted on 06 May, 2020 at 20:38 PM
दुनिया तो मैंने मुट्ठी में कर लिया लेकिन इसकी भारी कीमत चुकानी भी पड़ती है
Submitted on 03 May, 2020 at 10:29 AM
सच किताबें कभी झुठ नही कहती है। आज उसने क्लासिकल डाँस को कठपुतली के डाँस में बदलते हुए देख लिया....
Submitted on 03 May, 2020 at 07:29 AM
आसमाँ के आगे जहाँ और भी है। इस जहाँ की कद्र करते हुए इसे और रोशन करने की कोशिश करते हैं.....
Submitted on 30 Apr, 2020 at 21:01 PM
यह सब आदमी नाम के प्राणी ने अपनी सहूलियत के लिए बनाये है
Submitted on 28 Apr, 2020 at 20:23 PM
बजाय दुःशासन, दुर्योधन को रोकने के वे द्रौपदी को साड़ियों की पूर्ति करने लगे।
Submitted on 24 Apr, 2020 at 20:06 PM
क्या तुम मर्दों के दिमाग की वायरिंग ही ऐसे होती है ?"
Submitted on 22 Apr, 2020 at 20:53 PM
जो बेहद ख़ास हुआ करते थे वह पता नहीं आज कहाँ गुम हो गए है?
Submitted on 21 Apr, 2020 at 16:37 PM
जो पाज़ेब पैरों में खूबसूरत लग रही थी,वह अचानक मुझे किसी जंजीर की तरह एकदम भारी लगने लगी...
Submitted on 18 Apr, 2020 at 19:37 PM
कभी कभी वही दरवाज़े हर वक़्त खुले रहते है किसी के इन्तजार में.....
Submitted on 15 Apr, 2020 at 20:40 PM
सारी दुनिया को चमकता हुआ आधा चाँद ही नज़र आता है।दूसरा आधा चाँद उसी वक़्त घुप अँधेरे में छुपकर रहता बिल्कुल खामोश और बे...
Submitted on 15 Apr, 2020 at 17:32 PM
हमारे अंदर के संसार को समेटते हुए हमे बाहर की दुनिया दिखाने में मस्त और व्यस्त ......
Submitted on 14 Apr, 2020 at 20:36 PM
आज तो माँ भी उस के सवालों से निरूत्तर हो गयी थी.....
Submitted on 14 Apr, 2020 at 16:35 PM
क्या मैं लिख भी सकूँगी ? शायद नहीं....
Submitted on 13 Apr, 2020 at 21:17 PM
हाँ, लेकिन उन 100 रु की यादें हमारे लिए किसी कुबेर खजाने से कम नही है.....
Submitted on 11 Apr, 2020 at 20:14 PM
लेकिन रजनीगंधा के फूलों को फेंके जाने के फौरन बाद ही वे कागज़ के फूल मंद मंद मुस्कराते नजर आने लगे है ....
Submitted on 10 Apr, 2020 at 21:35 PM
क्यों एक माँ अपने नवजात बच्चे को इस दुनिया मे फेंक के चली जाती है?
Submitted on 10 Apr, 2020 at 09:12 AM
ज्योति ने उनसे कहा," क्या मेरा नाम मेरी आइडेंटिटी नहीं है?
Submitted on 09 Apr, 2020 at 19:08 PM
मुझे अचानक महसूस हुआ की गरीब तबकों के लोग और इनकी दुनिया हमारी दुनिया से कितनी अलग होती
Submitted on 09 Apr, 2020 at 05:15 AM
लेकिन समय के पहिये ने अब रफ़्तार पकड़ ली औरतें अब अपने हौसलों के पंखों से अपने ख्वाबों की उड़ान भरने लगी है....
Submitted on 08 Apr, 2020 at 21:50 PM
क्या ये शब्द ही औरत के गुनहगार नहीं होते है जो उसे एक दायरे में सिमटने का हुक्म देते है?
Submitted on 08 Apr, 2020 at 10:02 AM
कभी कभी लेखक अपने आसपास के रहने वाले लोगों को ध्यान में रखकर या उसे केंद्र में रखते हुए
Submitted on 07 Apr, 2020 at 13:05 PM
चीजों पर बिखरी धूल को भी साफ करना होगा, नही?
Submitted on 03 Apr, 2020 at 21:42 PM
औरत के साथ हमारा समाज त्रिकोण का चौथा कोण ढूँढने की गैर जरूरी और नाकाम कोशिश करता रहता है....
Submitted on 02 Apr, 2020 at 19:57 PM
असलियत में जिंदगी इतने जल्दी कभी हार नही मानती है और बड़ी से बड़ी जंग लड़कर फिर से मुस्कुराने लगती है।
Submitted on 01 Apr, 2020 at 20:56 PM
आप ही बताएँ की जब सारे प्यादे पलायन कर जायेंगे तब कौन राजा या वजीर रह सकता है?
Submitted on 28 Mar, 2020 at 10:12 AM
मुझे लगा की अच्छाई की कीमत 86 रु है और भूख की कीमत सिर्फ 36 रु है। आपका गणित क्या कहता है ?
Submitted on 24 Mar, 2020 at 20:43 PM
हम औरतें अक्सर सीढ़ियों से गिर जाती हैं, हमें ध्यान से रहना चाहिए।"
Submitted on 24 Mar, 2020 at 11:21 AM
कभी माँ का आशिर्वाद तो कभी माँ का अशिर्वाद्र
Submitted on 23 Mar, 2020 at 20:13 PM
इस कोरोना ने हमें अपनी जड़ों से जुड़ने का एक मौका दिया है।
Submitted on 23 Mar, 2020 at 17:32 PM
मत भूलो की हल्दी का रंग पीला होता है और खाने में अगर हल्दी न हो तो खाने का रंग कैसा होग
Submitted on 21 Mar, 2020 at 19:52 PM
छोड़िये इन सवालों को। जिंदगी में और भी तो चीजें है सोचने के लिए और करने के लिए...
Submitted on 21 Mar, 2020 at 18:58 PM
शायद वह मेरी बातों से agree हो गया था ....
Submitted on 21 Mar, 2020 at 14:56 PM
उसकी उन खाली आँखों में मुझे मेरे सवाल का जवाब मिल गया।
Submitted on 21 Mar, 2020 at 11:50 AM
उन विचारों से ही तो हम जान पाते हैं कि शून्य शून्य होकर भी पूरा गोल है।
Submitted on 21 Mar, 2020 at 08:40 AM
ज़्यादातर महिलाएँ दुनिया के मसलों पर कोई राय या फिर अपना कोई पॉइंट ऑफ व्यू वग़ैरा वग़ैरा
Submitted on 21 Mar, 2020 at 07:18 AM
वाला सफ़ेद झंडा लेकर चलती रहती है, क्या कहते है आप ?
Submitted on 20 Mar, 2020 at 17:43 PM
सही रंग तो ग्रे ही होता है।जो चीजों को अपनी अपनी सहूलियत के हिसाब से manage करने की सहूलियत देता है।
Submitted on 20 Mar, 2020 at 16:36 PM
नहीं, नहीं उनको घर परिवार की दुहाई दे कर रमाया जाता है, क्या मैं गलत कह रही हूँ ?
Submitted on 19 Mar, 2020 at 21:17 PM
आप भी मानते है न, हर घड़ी हर पल कुछ कहती है?
Submitted on 18 Mar, 2020 at 14:49 PM
मेरी जिंदगी कहती है कि लावारिसों के दिल नहीं होते।
Submitted on 17 Mar, 2020 at 20:42 PM
उनकी रोजीरोटी जाने पर उन्होंने शोर तो बहुत किया होगा।लेकिन ट्रैन और प्लेटफार्म के शोर में उनका शोर शायद कही दब गया है......
Submitted on 12 Mar, 2020 at 12:36 PM
गाँव में मिलनेवाला अपनापन भी कुछ अजीब लगता है जो शहरोँ में हमे कही देखने को भी नही मिलता है.....
Submitted on 12 Mar, 2020 at 11:46 AM
क्या हम Educated भी होते है क्या ? आपका क्या ख़याल है इस बारे में।
Submitted on 09 Mar, 2020 at 18:37 PM
कहानियों को लिखने के बाद मुझे हर बार इसका अहसास होता है.....
Submitted on 08 Mar, 2020 at 15:15 PM
आज मुझे लगा कि बचपन मे पापा ने जो हक़ की लड़ाई जीतने का जज़्बा मुझे सिखाया था आज उस। ..
Submitted on 07 Mar, 2020 at 19:55 PM
बड़े शहरों में रहने वाले लोगों की तरह ये फूल भी लगता है अपनी उदासी छुपाने का हुनर अब सीख ही गए है...
Submitted on 05 Mar, 2020 at 08:07 AM
उसके प्यार को ना समझ कर हम ही बेवकूफ़ बनते थे...
Submitted on 05 Mar, 2020 at 05:18 AM
अपनी लड़ाई भूलकर प्रधानमंत्री के भाषण के बारें में ढेर सारी तरह तरह की बातें करने लगे।
Submitted on 04 Mar, 2020 at 12:24 PM
शायद पहली बार मैंने इस तरह का कोई मीठा सौदा किया।
Submitted on 01 Mar, 2020 at 10:25 AM
उस मकान की सुनी छत और बेजान दीवारों के पास भी कहने के लिए कुछ नहीं था...
Submitted on 01 Mar, 2020 at 07:30 AM
इतने देवी देवता होने के बावजूद पता नहीं मैं क्यों असहाय महसूस कर रहा था
Submitted on 27 Feb, 2020 at 16:15 PM
ये सीमेंट की पक्की दीवारें आज मुझे बेहद अजीब लग रही है जो साथ होकर भी मेरे साथ नहीं है...
Submitted on 27 Feb, 2020 at 15:49 PM
वह निरीह निगाहों से कभी यहाँ वहाँ देखने लगी।लेकिन वह और नीचे नीचे जाने लगी।
Submitted on 25 Feb, 2020 at 07:04 AM
वहाँ सितारों की भीड़ में चाँद तन्हा है और लोगों की भीड़ में मैं यहाँ....
Submitted on 18 Feb, 2020 at 20:33 PM
बस साथ होती है हमारी बेबसी और पसरा रहता है बस एक सन्नाटा.....
Submitted on 18 Feb, 2020 at 20:10 PM
दोस्तों की इस भीड़ में भी आदमी के अकेलेपन को मैं महसूस कर रहा हूँ.....
Submitted on 14 Feb, 2020 at 02:52 AM
आज मै बस में बैठकर कहीं बाहर जा रही थी,अचानक मेरा ध्यान दूसरी साइड में बैठी हुई तीन चार
Submitted on 09 Feb, 2020 at 13:55 PM
मन ही मन वह कहने लगी,'तुम्हें यह सब अब नहीं समझ में आएगा,लड़कों को अगर त्रिकोण बनने क
Submitted on 09 Feb, 2020 at 13:35 PM
आज इतने साल बड़े बड़े भीड़भाड़ वाले शहरों के 'अकेलेपन' से भागकर वह अपने गाँव मे आयी है।उसे
Submitted on 08 Feb, 2020 at 15:54 PM
लड़कियाँ बड़ी अजीब होती है। कोई कह रहा था। लगता है कि वो सही कह रहा है।
Submitted on 02 Feb, 2020 at 20:17 PM
वास्तविक जीवन में रिश्ता ही नहीं टूटता बल्कि रिश्तों में रहने वाला भरोसा भी दरकता है और
Submitted on 31 Jan, 2020 at 10:28 AM
तो हमारा एक ही सवाल हुआ करता था, “और बताओं, जिंदगी के बारे में तुम्हारा क्या खयाल है?" एक मुस्कराहट के साथ ये सवाल बेखया...
Submitted on 25 Jan, 2020 at 06:58 AM
दिल तो सहजता से कही भी किसी के साथ भी हिलमिल जाता है।
Submitted on 13 Jan, 2020 at 18:40 PM
किस्से कहानियों में जिंदगी को हमेशा से ही मनपसंद कैनवास और ख्वाबों के रंगबिरंगी रंगों स
Submitted on 12 Jan, 2020 at 19:48 PM
तो कभी 'कुछ सुनो' से कैफियत कहने की चाह रख रहा हो.....
Submitted on 12 Jan, 2020 at 19:37 PM
बड़ी ही गर्मजोशी से उन्होंने 'ईद मुबारक' कहकर प्लेट पकड़ा दी और शाम को घर आने की दावत भी
Submitted on 12 Jan, 2020 at 19:21 PM
नहीं पहले मिलकर आते है। खेत भी देख लेते है। चाय बाद में सबके साथ पी लेंगे
Submitted on 04 Jan, 2020 at 08:34 AM
इसमें जनता किसी नेता से सवाल कर रही हो ? जरा सोच कर देखिए।
Submitted on 01 Jan, 2020 at 14:01 PM
अगर इनकी दुनिया में यह ऑटिस्टिक बेटा न होता तो इनकी जिंदगी में इतनी उदासी ना होती। लेकिन फिर हमारी दुनिया बिलकुल अलग ह...
Submitted on 25 Dec, 2019 at 20:50 PM
बचपन में तो हम अपने छोटे छोटे हाथों से मछली बनाते हुए टूटी फूटी आवाज में एक्टिंग करते हुए गाते थे। और क्या लड़का और क्या...
Submitted on 20 Dec, 2019 at 07:35 AM
जैसे सारे पेड़ उदास आँखों से मुझ से सवाल कर रहे है
Submitted on 19 Dec, 2019 at 20:33 PM
सच में,आज मुझे माँ और उनकी जेनेरेशन की महिलाओं को सैलूट करने का बहुत मन हो रहा था.....
Submitted on 18 Dec, 2019 at 19:26 PM
देखिए जिंदगी में पैसा ही सब कुछ होता है, वह बहुत सारी चीजों पर भारी पड़ता है। दिल, दोस्ती और प्यार ये सब फालतू चीजे है ज...
Submitted on 18 Dec, 2019 at 18:34 PM
अगर ख़्वाब ना हों तो जिंदगी तारीख बन जाती है। शुरू से ही मैं अपने आप मे सिमटकर रहने वा
Submitted on 16 Dec, 2019 at 18:36 PM
कुछ खो कर कुछ पाने के अहसास केसाथ। हर लम्हे इसी कश्मकश में की जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया है.....
Submitted on 16 Dec, 2019 at 13:15 PM
बहुत दिनों से मन में सवाल कुलबुला रहा था कि एक्टर्स कन्विन्सिंगली इतनी अच्छी एक्टिंग कै
Submitted on 15 Dec, 2019 at 16:57 PM
मुझे बहुत डर लगता है जब मैं हर चौराहे पर छोटे बच्चों को झुलसती गर्मी में या फिर ठिठुरती सर्दी में भीख माँगते देखती हुँ। ...
Submitted on 13 Dec, 2019 at 16:45 PM
मैं मेरे काम को और मेरी नौकरी को एन्जॉय करती हुँ।... ऐसी भावना आपके भी मन में आती है...? आती होगी तो बहुत खुब...!!!
Submitted on 11 Dec, 2019 at 17:03 PM
और आज? पति की आजकल की खाली निगाहें और उनके रिश्तों के ठंडेपन से उसे अपने रिजेक्शन का अहसास हुआ। जिनसे वह बेखयाली में बिल...
Submitted on 08 Dec, 2019 at 05:50 AM
अमावस्या कह कर दुनिया अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में मसरूफ हो जाती है।
Submitted on 08 Dec, 2019 at 05:37 AM
दोनों चुप हो गए क्योंकि अब उन दोनों की कोई value नहीं रह गयी थी शायद।
Submitted on 08 Dec, 2019 at 05:19 AM
यह तो ठीक ऐसे ही है जैसे बच्चे के पास तरह तरह के रंगबिरंगी खिलौने है पर घर मे माँ नहीं है...
Submitted on 08 Dec, 2019 at 04:51 AM
आमने सामने बैठकर, चाय की चुस्कियों के बीच, आँखों में झांकते हुए जो गर्माहट फीलिंग्स वाली बातें होती है। क्या उसकी गहराई ...
Submitted on 07 Dec, 2019 at 16:57 PM
तुम भूल रही हो एक बात, यह चारदीवारी में हम औरतें महफ़ूज भी तो रहती है
Submitted on 07 Dec, 2019 at 06:39 AM
पार्क में दूसरी ओर से अचानक एक देसी कुत्ता भौंकता हुआ आया। वह मरियल सा कुत्ता टॉमी को देख कर भौंकें जा रहा था। टॉमी ने ब...
Submitted on 07 Dec, 2019 at 06:01 AM
उन सवालों के कोई भी जवाब मेरे पास नहीं थे।
Submitted on 06 Dec, 2019 at 20:36 PM
टीवी और न्यूज़ पेपर में भी जब कोई रेप की ख़बरें आती है तो हमारे लिए वह बस एक ख़बर होती है।
Submitted on 06 Dec, 2019 at 20:10 PM
दिल के किसी कोने को दरकते जाते हैं। बेहद खौफ़नाक सा अहसास होता है ये शायद।
Submitted on 06 Dec, 2019 at 16:00 PM
गिलहरी को पता है उन धारियों का।तभी तो वह मचलती रहती है...
Submitted on 06 Dec, 2019 at 15:30 PM
एक खूबसूरत सी पेंटिंग को मैं सहेज कर ना रख पायी।
Submitted on 06 Dec, 2019 at 15:19 PM
शायद वे अपनी अपनी कहानी और उन खट्टी मीठी यादों में खोना चाहती हो....
Submitted on 05 Dec, 2019 at 20:07 PM
यादों के रंग आज की हकीकत के काले सफेद रंगों में मिलकर मुझे लगा कि मेरी यादें जैसे बदरंग
Submitted on 05 Dec, 2019 at 15:12 PM
सफ़ेद रंग रिफ्लेक्ट करता है, वह बिना कहे सब कुछ कह देता है...
Submitted on 04 Dec, 2019 at 20:26 PM
आसमाँ में चाँद अपनी ही मस्ती में चले जा रहा था।
Submitted on 04 Dec, 2019 at 18:52 PM
बड़ी अजीब सी बात है , सम्पूर्ण चूड़ी कलाइडोस्कोप में उतनी सुंदर दिखाई नहीं देती जितनी
Submitted on 04 Dec, 2019 at 16:22 PM
शब्द मिटने पर कही नहीं जाते। वे दिल-दिमाग पर अपनी गहरी छाप छोड़ देते है, और बेपरवाही से गाहे-बगाहे, वक्त-बेवक्त याद आते ...
Submitted on 04 Dec, 2019 at 16:18 PM
शब्द मिटने पर कहीं नहीं जाते।वे दिल दिमाग पर अपनी गहरी छाप छोड़ देते हैं ,और हरदम बेपरवा
Submitted on 04 Dec, 2019 at 15:21 PM
वहाँ की हर चीज बेजान सी लगने लगी थी बिलकुल उन बेजान रिश्तों की तरह....
Submitted on 03 Dec, 2019 at 19:38 PM
हमारे लिए अजनबी और चाँद तारों की भीड़ में भी अकेला सा है।
Submitted on 03 Dec, 2019 at 19:32 PM
इस सवाल का जवाब किसी के पास भी नहीं था, उन दोनों के पास भी नहीं।
Submitted on 02 Dec, 2019 at 19:40 PM
रेशम के कीड़ों को कोई याद भी नहीं रखता है और किसी को कोई फर्क भी नहीं पड़ता है।
Submitted on 02 Dec, 2019 at 18:43 PM
"इन्सान आज फिर से मशीनों से हार नहीं गया क्या?'
Submitted on 02 Dec, 2019 at 18:11 PM
"देखो, तुम अपनी लिमिट क्रॉस कर रहे हो।" वह भुनभुनाते कह रही थी। "यहाँ न जाओ,वहाँ न जाओ,
Submitted on 02 Dec, 2019 at 16:55 PM
आजकल इस दुनिया में हर कोई एक मुखौटा लगा कर ही तो घूम रहा है....
Submitted on 02 Dec, 2019 at 13:21 PM
कांच के कंचों ने फौरन रंग बदला। उदासी में भी वे हँसने लगे थे। उनको मालूम जो था कि ये नये कंचे जो इतने इतरा रहे है उनका भ...
Submitted on 02 Dec, 2019 at 12:59 PM
मैंने उसे कहा," अरे, तुम को यहाँ नहीं होना चाहिए था,तुम्हारी परफेक्ट जगह तो किसी न्यूज़
Submitted on 02 Dec, 2019 at 12:45 PM
परियों को इस खूबसूरत दुनिया में आने से पहले कोख में ही मार दिया जाता है....
Submitted on 02 Dec, 2019 at 12:29 PM
उस का दिल बार बार कह रहा था कि काश इस चुभते सवाल का जवाब ना में हो।
Submitted on 02 Dec, 2019 at 12:23 PM
काँच की चुभन तो हम नौकरों से साफ़ करवा लेंगे, पर मन की इस चुभन का क्या ?
Submitted on 02 Dec, 2019 at 12:20 PM
समाज में निचले पायदान पर रहने वाले लोगों को सपने देखने का हक़ है भी ? शायद है, शायद नही
Submitted on 02 Dec, 2019 at 06:01 AM
मुझे लगा जैसे दुकान में करीने से रखी बोतले जैसे अकड़कर शीतल जल के प्याऊ से कह रही हो।"मे
Submitted on 02 Dec, 2019 at 03:00 AM
"यह स्टोर रूम है और देखती हुँ, यहाँ तुम किस किस को पहचान पाते हो?" रूम का दरवाजा खोल कर माँ ने बड़े ही जतन से रखे हुए खिल...
Submitted on 01 Dec, 2019 at 15:50 PM
पूरी जिंदगी उस घर को देने के बाद आज शर्मा जी ने सुबह किसी बात पर गुस्सा होकर मुझे घर से निकल जाने को कह दिया। कोई बताएं ...
Submitted on 01 Dec, 2019 at 15:29 PM
कोई माँ अपने आतंकवादी बेटे को अपना बेटा मानने से इनकार करती है तो कभी कोई माँ अपने सालो से बेटे की ममता में किसी आतंकी क...
Submitted on 01 Dec, 2019 at 15:10 PM
लेकिन वक़्त तो अब बदल गया है। लड़की ने अपनी सहेली को फ़ोन कर पिक्चर का प्रोग्राम बनाया। थोड़ी ही देर में तैयार होकर वह घर से...
Submitted on 01 Dec, 2019 at 14:56 PM
और हर नयी पतंग बेखौफ आसमाँ में उड़ती रहती है, अपने आनेवाले कल से बिल्कुल अनजान...
Submitted on 01 Dec, 2019 at 14:45 PM
तुम ने कभी मस्जिद या मंदिर में लिफ्ट लगी नही देखी होगी।
Submitted on 01 Dec, 2019 at 11:26 AM
अपने बड़े से घर को सजाने के लिए और फिर से नयी और खूबसूरत यादें बसने की आशा लिए।
Submitted on 01 Dec, 2019 at 11:06 AM
कभी समाज की परवाह करते हुए तो कभी अपनों की ख्वाहिशों के लिए..."
Submitted on 01 Dec, 2019 at 10:42 AM
ठीक इन चाँद सितारों जैसे जो हर कदम हमारे साथ होने के बावजूद हमसे बहुत दूर होते हैं।
Submitted on 01 Dec, 2019 at 10:30 AM
चला गया पीछे एक लंबा सा गहरा सन्नाटा छोड़ कर.....
Submitted on 01 Dec, 2019 at 10:18 AM
लेखकों का क्या वे तो कुछ भी लिखते रहते हैं। स्त्री तो बस देह होती है।
Submitted on 01 Dec, 2019 at 10:10 AM
अपने अपने हिस्से की धुप ओढ़ते है अपनी हिस्से की छावं में बैठ कर। हम भी तो कभी कभी मैनिक्विन बन जाते है, जिंदा, लाचार तो क...
Submitted on 01 Dec, 2019 at 07:18 AM
जिंदगी में जन्म देनेवाली माँ का साथ ना हो, वह जिंदगी अच्छी, खूबसूरत कैसे होगी भला? इस सवाल पर माँ के पास कोई जवाब नही था...
Submitted on 01 Dec, 2019 at 07:05 AM
बिल्कुल अस्तित्वहीन होने के बावजूद हमारे अस्तित्व की धुरी होती है जब वे होते है। उसके ब
Submitted on 01 Dec, 2019 at 06:57 AM
दीवारों का क्या? वे तो बेजान है... बेबस है... खामोश है... खड़ी रहती है इन्तजार में... बस अपनी ख़ामोशी के टूटने के.....
Submitted on 30 Nov, 2019 at 18:27 PM
'नयी मित्र' के भी कदम जमीन पर नहीं पड़ रहे थे क्योंकि साहब जो उनके साथ थे। साहब अपने दोस्तों के बारे में मन ही मन सोच रह...
Submitted on 30 Nov, 2019 at 15:36 PM
शब्दों में धार भी होती है और आधार भी। धार वाले शब्द दिल को चीर देते है, और आधार वाले शब्द दिल को जीत लेते है...
Submitted on 30 Nov, 2019 at 15:04 PM
लहूलुहान होती रहती है बिल्कुल खामोश और बेआवाज।
Submitted on 28 Nov, 2019 at 10:46 AM