STORYMIRROR

Deepa Saini

Tragedy

3  

Deepa Saini

Tragedy

मैं नहीं जानती

मैं नहीं जानती

1 min
145

मैं नहीं जानती कि दुनिया सही है या नहीं पर मैं बिल्कुल गलत नहीं हूं मैं एक साधारण से आत्मा हूं जो एक असाधारण सी जीव का निर्माण तो कर सकती हूं पर परिस्थिति मेरे अनुकूल हो वैसा नहीं कर सकते यादों के साए में हजारों अच्छी यादें हैं बेशक पर लाखों करोड़ों दुख होगा हम किसी को सुना नहीं सकती।

दुनिया बहुत खूबसूरत है बेशक लेकिन वह खूबसूरत ना लगे वह गम किसी को बता नहीं सकते सब सब सब कुछ है मेरे पास लेकिन सब कुछ हो कर भी मानो कुछ नहीं है दूसरों के नजरिए से तो मैं शायद सबसे ज्यादा भाग्यशाली कहला पर खुद जानती हूं कि मैं अपनी पीड़ा किसी को दिखा नहीं सकती अंदर से टूट कर रोकर बिलख कर भगवान को दोष देकर भी जीवन से छूट नहीं सकते।

दिन गुजर कर रात रात गुजर कर शुभ हो और सुबह तक मैं मुस्कुरा नहीं सकते मैं जी भर कर जाऊं या खत्म कर लो खुद को ताज्जुब है कि मैं ऐसा कोई नहीं है कर नहीं सकती।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy