बारिश
बारिश
"चलिए ना थोड़ा वॉक पर चलते हैं, कितने दिन से घर में बंद बंद परेशान हो गई हूँ।" —निशा ने पति से कहा।
कई दिनों बाद बारिश रुकी थी और आसपास और उनके शहर में भी बाढ़ जैसा था तो निशा बहुत ही बोर हो गई थी घर में, आज बारिश रुकने पर वह थोड़ा घूमना चाहती है।
"तुम कह रही हो तो ठीक है चलते हैं, लेकिन बाहर बहुत किच-किच कीचड़ होगा मेरा मन तो नहीं कर रहा जाने का।" —नरेंद्र बोला।
"हाँ वह तो है किच-किच तो होगी लेकिन फिर भी चलिए।"
"ठीक है! तुम तैयार हो जाओ मैं भी कपड़े बदल लू।"
निशा और नरेंद्र दोनों निकल पड़े घर से बाहर, रास्ते में थोड़ी दूर पर ही निशा को एकदम मिट्टी में लिपटा हुआ कुछ छोटा सा दिखाई दिया, पास जा कर देखा तो करीब डेढ़ दो साल का कोई बच्चा था बेसुध है लेकिन जीवित था।
"अरे यह तो बच्चा है नरेंद्र! बेहोश है।" —निशा ने घबराहट भरी आवाज में कहा।
"जल्दी से इसको हॉस्पिटल ले चलते हैं।" —दोनो भागे।
नरेंद्र उसको अपने एक दोस्त के हॉस्पिटल में ले गए वहां पर थोड़े बहुत इलाज के बाद वह बच्चा होश में आ गया।
डॉक्टर को ऐसा लग रहा था जैसे कहीं से बह के पानी में आया है इसलिए बेहोश हो गया है। नरेंद्र के फ्रेंड का ही प्राइवेट हॉस्पिटल था इसलिए कोई पुलिस कार्रवाई वगैरह भी उसने नहीं करी।
हॉस्पिटल से निकलने के बाद नरेंद्र बोले, "अब हमें पुलिस स्टेशन जाकर इस बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवानी चाहिए।"
"यह क्या कह रहे है आप? मेरे हाथ में आई खुशी को छीन लेना चाहते है।" —निशा परेशान होकर बोली।
"पाँच वर्ष हो गए मुझे माँ बनने का सुख नहीं मिला, अब भगवान ने मेरी झोली में यह बच्चा डाला है। इसे अपना समझकर ही पालूंगी।"
"कोई पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है।" —निशा गुस्से से बोली।
नरेंद्र के दिल में भी थोड़ा लालच आ गया तो वह चुप हो गया, लेकिन उसने मन ही मन सोचा वह घर जाकर निशा को मना लेगा पुलिस स्टेशन जाने के लिए और दोनों घर के लिए निकल पड़े।
घर में आते ही निशा बड़े प्यार से उसको अंदर कमरे में ले गई और बिस्कुट दूध खिला के उसको सुलाने लगी। नरेंद्र बाहर के कमरे में टीवी ऑन करके न्यूज़ देखने लगे।
"अरे निशा! बाहर आओ जल्दी।" —नरेंद्र ने जोर से आवाज दी।
"क्या है? क्यों इतना शोर मचा रहे हैं? बच्चा जाग जाएगा।" —निशा बाहर कमरे में आकर बोली।
नरेंद्र ने टीवी की तरफ इशारा करके निशा को देखने के लिए कहा।
एक महिला टीवी रिपोर्टर के सामने रो-रो के कह रही मेरा छोटा सा बच्चा कहीं गुम हो गया डेढ़ साल का है, पता नहीं कहां गया गया आस-पास सब जगह ढूंढ लिया कहीं नहीं मिला बहुत बिलख-बिलख के रो रही थी।
रिपोर्ट बाद में कहने लगा यहां रात में काफी तेज बारिश हुई थी ऐसा अंदेशा है कि बच्चा बहाव में कहीं दूर बह गया हो, बहुत सारी आशंकाएं जता रहा था।
निशा अंदर कमरे में चली गई और अगले ही पल बच्चे को गोद में लिए बाहर आ गई।
"चलिए पुलिस स्टेशन चलते हैं, इस बच्चे को उसकी माँ के पास पहुंचाना है।" —निशा कठोर मन से बोली।
नरेंद्र और निशा बच्चे को गोद में लिए घर से बाहर निकल गए।