मेरी एक रिसर्च : साइंस फिक्शन
मेरी एक रिसर्च : साइंस फिक्शन
निशा की तबियत कुछ दिनों से ठीक नही थी तो डॉक्टर ने ब्लड टेस्ट कराने को बोला था, आज वो पैथालॉजी में रिपोर्ट लेने गई वापसी में प्रिया के घर चली गई।प्रिया ने ब्लड रिपोर्ट में हीमोग्लोबिन की मात्रा देख कर कहा, "अरे वाह निशा तेरी रिपोर्ट में सब तो सही दिख रहा है और एच. बी. भी अच्छा है।"
निशा हँसते हुए बोली, "हाँ यार यही देख कर सुकून मिला वर्ना रोज के जुकाम बुखार से परेशान हो गई थी, लेकिन एक बात समझ न आई?"
"वो क्या?" निशा ने पूछा।
"वो ये कि स्त्रियों के हीमोग्लोबिन की नॉर्मल रेंज पुरुषो से कम होती है, ऐसा क्यों? हम तो खुद को पुरुषों की बराबरी का मानते है; कंघे से कंघा मिला के चलना चाहते है।" निशा ने हँसते हुए चुटकी ली।
"तो फिर अब मुझ से सुनो..
...." कह कर प्रिया ने बोलना शुरू किया, "किसी पदार्थ की ph वैल्यू (मात्रा) से निर्धारित होता है कि वह पदार्थ अम्ल (एसिड) है या क्षार ( बेस) है। रक्त का ph ७.४ होता है जिस का ph सात से कम वो अम्ल और सात से अधिक तो क्षार हुआ इस प्रकार रक्त क्षार है। महिलाएं तीखा चटपटा खाना बहुत पसंद करती हैं और इस कारण उनको एसिडिटी की समस्या हो जाती है; इस का इलाज करने के लिए उनको कुछ बेस जैसे सोडा या कोई क्षार पीना पड़ता बस तभी महिलाएं मजबूरी में पति का ख़ून पीती हैं, बाकी पति को परेशान करना उनकी मंशा नही होती। तभी पुरुषो में हीमोग्लोबिन की नार्मल रेंज स्त्रियों से अधिक होती है। समझ गई न अब तुम चाहो तो मुझे डॉक्टर की उपाधि दे सकती हो।"
"वाह खूब कही।" कह कर निशा हंसने लगी