धुकन क्रिया
धुकन क्रिया
हम सब कलीग्स एक ऑफिशियल टूर पर जा रहे थे। ऐसे तो वह कितनी बार ऑफिशियल टूर पर जाती रही है। लेकिन इस बार दूसरे ग्रुप के साथ जाना हो रहा था। ऑफीस का प्रोग्राम ख़त्म होने पर एक दिन सब ने घूमने का प्रोग्राम बनाया। गाड़ी बुक करके नेक्स्ट डे सुबह सवेरे हम निकल भी गये। सब लोग रिलैक्स मूड में थे। स्मोकिंग करने वाले एक कलीग मिस्टर शर्मा भी ग्रुप में साथ जा रहे थे। वह हर स्पॉट पर उतरकर स्मोकिंग कर आते थे। नैचरली नेक्स्ट स्पॉट में हम सब लेट हो रहे थे।
एक स्पॉट में सब लोग आ गये थे पर मिस्टर शर्मा नही दिखायी दे रहे थे। तभी ग्रुप में किसी ने कहा मिस्टर शर्मा कहाँ गए? किसी ने मुझे धीरे से कहा कि वह धुकन क्रिया के लिए गये है। मिस्टर शर्मा धुकने के लिए गये है कहते हुए मैनें भी हँसी में उनका साथ दिया। ग्रुप में यह बात बोली नही जा सकती थी क्योंकि सारे लोग ऑफीस के थे..किसी को बुरा भी लग सकता था।
जिन्होंने धुकन क्रिया का जुमला बोला था उन्होंने मुझे कहा कि आपके लिए यह लफ़्ज़ नया है। कुछ लिखिए इसपर..आप कुछ कुछ लिखती भी तो रहती है...
मैनें कहा, "विल डेफिनिटली ट्राय..." क्योंकि थोड़ा टाइम था तो हम बात करने लगे। मैनें कहा, आपकी बात से इत्तेफ़ाक़ रखते हुए कुछ बना लेती हुँ। जैसे कि एक कोई फेमिनिस्ट टाइप की महिला जो बड़े आराम से सिगरेट के कश लगा रही है... बेफ़िक्री से धुँआ उड़ा रही हो जैसे कि सारी चिंताओं को वह धुएँ में उड़ा रही हो या यूँ कहे समाज को धता बता रही हो... अपनी इस धुकन क्रिया से...एक तरह से समाज को कल्चरल शॉक दे रही हो...
हा हा हा..
मैनें कहा, "हँसिये मत..." यूँ भी हो सकता है कि एक हस्बैंड ऑफिस में आने पर ऑफिस की कोई परेशानी में मुब्तला होकर सिगरेट के कश लगा रहा है और पत्नी किचन में चाय के साथ पकौड़ों की तैयारी कर रही है।
कुछ देर होने पर पति अपनी पत्नी पर चीखता है कि कब चाय दोगी तुम? शायद पत्नियाँ सॉफ्ट कुशन होती है उनकी सब परेशानियों को झेलने के लिए। अपनी धुकन क्रिया में वह भूल जाते है उन सारी औरतों की मेहनत और समर्पण को जो जिंदगी लगा देती है किसी मकान को घर बनाने में...
उन्होंने कहा, "यह भी ठीक है वैसे एक और वर्शन हो सकता है की हस्बैंड घर आकर पत्नी को इग्नोर कर अपनी धुकन क्रिया में लग जाता है....दिन भर अपने घर गृहस्थी के कामों में मसरूफ़ रहने वाली पत्नी अंदर ही अंदर सुलगती रहती है..."
इतने में मिस्टर शर्मा आकर गाड़ी में बैठ भी गये...ड्राइवर के हॉर्न देने से हम भी फटाफट गाड़ी में बैठने के लिए चल पड़े... और हमारी धुकन क्रिया वाली सारी बातें धुएँ जैसे हवा हो गयी...