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ज़िन्दगी से मुलाक़ात

ज़िन्दगी से मुलाक़ात

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कल शाम कुछ अजीब सी बात हो गयी

घर के लिए निकल रहे थे कि

ज़िन्दगी से मुलाक़ात हो गयी।


रास्ता रोके न खड़ी होती तो

नज़र बचा के निकल जाते

पर वो तो मुस्कुरा के साथ हो गयी।


कुछ तो बात करनी थी

मैंने अपनी शिकायतें कह दी

"इतना थका दिया तुमने

बिना लड़े ही हरा दिया तुमने

मैंने खुशियों की बाज़ी लगायी थी

बहुत रुला लिया तुमने "


वो हँसते हुए बोली

"मैंने कब कहा था कि

सफ़र आसान होगा

मिलेगा उतना ही जितना

पाने का जुनून होगा।


मैं जुनून आँक रही थी,

तुमने हौसले गिरा दिये

कामयाबी तो उसी मोड़ पे थी,

जहाँ तुमने क़दम रुका दिए।


मुझसे दूर हुए,

तुमने तो ख़ुशी से भी फासले बढ़ा दिए

आज भी तुम्हारा पता पूछती है,

पर तुमने हँसने के सारे बहाने झुठला दिये।


महँगी गाड़ियों में नहीं आती,

ख़ुशी किसी लम्बी सैर पे मिलेगी

ढूंढ रहे हो रास्तों में,

ज़िन्दगी तुम्हे घरोंदे में मिलेगी।।"


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