ये एक लड़की है
ये एक लड़की है
माँ के गर्भ में ही तूने मुझे डरा डाला
सोचा था पापा लेकर आई हूँ तेरे कुल खानदान में उजाला
माँ ने भी अपनी खुशियों का आँचल मुझ पर डाला
हंसी आती है मानव तेरी दुनिया की सोच पर
मेरे पिता के मन में भी ना जाने कैसा वहम भर डाला
ये बोल - बोल कर उनका जीना हराम कर डाला
ये एक लड़की है
ये एक लड़की है
जब पहुंची मानव तेरी बस्ती में
बाहर से तू मानव है और मनोभाव से दानव है
यहाँ सब टक - टकी लगाए बैठे है
चेहरा ऐसे बनाये बैठे है
जैसे शिकारी नजरें चील - कौवों की
अपने शिकार पर दाँव लगाये बैठे है
अब तो सोच - सोच कर हैरान हूँ
क्यों मिली ऐसी जिंदगी
जो सहनी पड़ रही इन दानवों की दरिंदगी
क्या ये सब इसलिए कि
मैं एक लड़की हूँ
सोचा था पंख लगाकर
अपने सपनों में उड़ान भरूंगी
जो - जो ठाना अपने लिए
उनमें अपने हौसलों से जान भरूंगी
अब सब सपने व्यर्थ नज़र आते है
क्योंकि मानव तेरी दुनिया में
ज़ालिम गन्दी सोच के दुशासन हर लड़की
को द्रोपदी सा अपना ग्रास बनाये बैठे है
अपनी ग्रसित खोपड़ी में
ये एक लड़की है
इसलिए अपनी हवस का सपना सजाये बैठे है
कहाँ तक गिरेगा तू इस दुनियादारी में
जब एक दुधमुंही बच्ची भी सुरक्षित नहीं
बहसी दरिंदे तेरी नगरी में
तूने हमारा जीवन नर्क बना डाला
ये सब तेरी कुलषित सोच ने बेड़ा गर्क कर डाला
क्या तेरी बुद्धि इतनी सरक गई है
तुझको ये भी मालूम ना रहा
किसी की भी बहन - बेटी में फर्क क्या
ये सब होने पर भी तू इतराये
अपनी छाती पर हाथ मार कर ये कह जाए
ये एक लड़की है
ये एक लड़की है
तेरी इस सोच ने हर बेटी की
आजादी पर पहरा डाला
तेरे चेहरे से हर नकाब हटा डाला
मैंने हर पग घर से खौफ में निकाला है
तूने मेरा हर पल वीरान बना डाला है
तंग आ गई तेरी घृणित सोच से
जिसने मेरा जीवन तन्हा - तन्हा कर डाला है
दोष दूँ अपने नसीब बनाने वाले को क्या
ये एक लड़की होने का फल दे डाला है
अरे पगले बेटियां तो ओस की बूँद की तरह होती है
ये तो कठोर हाथों में अपना दम तोड़ देगी
छुई - मुई के पत्तों सा मुरझा जाएगी
बदल डाल तू अपनी कुलषित - घृणित सोच को
ना तो एक दिन ऐसा आएगा
बेटियां उठा लेंगी शस्त्र
बन दुर्गा - काली तुझको भी
तेरे हर पाप को भी मिटाएगी
फिर तू क्या तेरी सात पुश्तें भी
ये नहीं कह पायेगी
ये एक लड़की है
ये एक लड़की है।