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Mukesh Tihal

Action Fantasy

4  

Mukesh Tihal

Action Fantasy

मेरी महफ़िल

मेरी महफ़िल

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मुझे सुनने में आया है

कि तुम जा रहे हो

बेचैन हुआ मेरा मन

क्यों इसे सता रहे हो

सोचा होता कुछ पहले

ऐसे हमें तड़पा रहे हो

बेख़बर रहकर खुद से

किसी ओर को चाह रहे हो

आज मेरी महफ़िल को छोड़

तुम कहीं ओर शाम बना रहे हो


मुझे लगता है कि अब तुम

अलग ख़्वाब आँखों में सजा रहे हो

दिल से निकाल मुझे किसको

तुम अपना बना रहे हो

आबाद थे हम यहां कबसे

क्यों बर्बाद किये जा रहे हो

दुनिया में होंगे तेरे लाख दीवा

ने

क्या इनमें हमें गिने जा रहे हो

मेरी महफ़िल को कर रुसवा

क्यों कहीं ओर जलवा दिखा रहे हो


मुझे पता है तुम मुझसे

बचने के बहाने बना रहे हो

साफ़ - साफ़ क्यों नहीं कहते

मुझसे अब दुरी चाह रहे हो

सूरत से मेरी तुम नफ़रत कर

क्यों नहीं नज़रें मिला रहे हो

मिलकर सुलझाते सभी झगड़े

क्या तमाशा हमारा बना रहे हो

मेरी महफ़िल में भी है वो समां

जैसा तुम कहीं ओर पा रहे हो



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