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KAVI SHREE MARUTI

Action Others

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KAVI SHREE MARUTI

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तुम धीर नहीं पर वीर हो...!

तुम धीर नहीं पर वीर हो...!

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     तुम धीर नहीं पर वीर हो

     अपने ये वतन के शिर हो...


शिक्षा में तू यहीं पढ़ा है, 'देश हमारी शान है !'

इसलिये हम सबके मुख में राष्ट्रगान है !

      हमारे देश के तुम हीर हो,

      तुम धीर नहीं पर वीर हो...,


कहीं पर ठंड हो, धूप हो, बारिश हो या बर्फ हो,

वहां पर तो तुम और तुम्हारी वर्दी सिर्फ हो!

      जिगर के टुकड़े शूरवीर हो,

      तुम धीर नहीं पर वीर हों...


कहीं पर खाना मिले या कहीं पर भूखा रहे,

पानी मिले तो अच्छा है वरना गला सूखा रहे!

      आप तो हम सबके पीर हो,

      तुम धीर नहीं पर वीर हो...


पहली हमारी सोच "मारुति" भाई-भाई की है,

न समझे ये लफ़्ज़ तो, बंदूक धांय-धांय की है!

      डरपोक नहीं तू गंभीर हो,

      तुम धीर नहीं पर वीर हो... 



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