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KAVI SHREE MARUTI

Abstract

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KAVI SHREE MARUTI

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मादक बर्फ बारिश..!

मादक बर्फ बारिश..!

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अगली सारी रात बर्फ गिरी थी,

इस वजह आज सर्फ गीली थी...


सारे दिन हीटर को चल रखी थी,

गर्म इसलिये कमरे को रखी थी..

गाल पे खंजन जैसी शर्म घिरी थी..अगली..


वो कुछ बोलती तो मै सुनता !

मै कुछ बोलता तो वो सुनती !

सांसे नजदीक से गर्म फिरी थी..अगली..


बंघन तो है 'मारूति' जीवनकाल, 

बीत चूकी है अब तो बारा साल !

मादक मौसम मे धर्म धीरी थी..अगली..



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