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KAVI SHREE MARUTI

Tragedy Others

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KAVI SHREE MARUTI

Tragedy Others

क्यूं उजाड़ दी !

क्यूं उजाड़ दी !

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क्यूं उजाड़ दी सारी बगिया हमने?

अपना मकान बनाने के लिए ! 

क्यूं उजाड़ दी सारी बगिया हमने,


वक्त था जब हम नहीं समझते थे,

रस्में निभाई थी बाग बसाने की !

जगह जगह पानी सींचा था हमने,

क्यूं उजाड़ दी सारी बगिया हमने....


सुबह होती थी महकते फूलों के साथ,

चंंद पैसो लिए उजाड़ बगिया ये हाथ,

प्लास्टिक की फुलवारी लगवाई हमने !

क्यूं उजाड़ दी सारी बगिया हमने....


पेड़ कटवायें, उजाड़े पंछी के घोंसले !

फिर भी क्यूं बुलंद रहा हमारा हौसला ?

Greenery तोड़ी Scenery जोड़ी हमने !

क्यूं उजाड़ दी सारी बगिया हमने.... 


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