यादों की जलतरंग....
यादों की जलतरंग....
यादों की जलतरंग में,
जीवन की नाव है।
बिन फेरे भी तेरे हैं हम,
मान ली ये बात है।
उम्मीदों की पतवार को,
न जाने क्यों थामे हैं।
आगे आगे है धुआँ और,
पीछे निशान बाक़ी हैं।
बीते हुए कुछ पलों ने,
ज़िंदगी को थामा है।
अनजानी एक राह पर,
बस चलते जाना है।
ज़िंदगी का ये, सफ़र भी,
यूँ तो आसान है कहाँ।
तेरी यादों के साथ इसे,
आसान है करते जाना।
मिले किसी मोड़ पर जो,
तुम ज़रा थम जाना।
मेरी तरफ़ देख कर बस,
एक बार मुस्कुरा देना।
बेशक न मिलो मुझे तुम,
नहीं कोई गिला होगा।
याद रखते हो मुझे, बस,
अहसास कराते रहना।
यादों की जलतरंग में,
बहते ही चले जाएंगे।
इस जनम में न सही,
फिर कभी, साथ निभाएंगे।