Lecturer
आज उसी चंचल सरिता को, गांभीर्य में लिपटा देखा। आज उसी चंचल सरिता को, गांभीर्य में लिपटा देखा।
श्वेत समेट सारे रंगों को, मंद-मंद मुस्काता है। श्वेत समेट सारे रंगों को, मंद-मंद मुस्काता है।
होली के रंगों के जैसे ज़िंदगी के रंग सुनहरे। होली के रंगों के जैसे ज़िंदगी के रंग सुनहरे।
अनजानी एक राह पर, बस चलते जाना है। अनजानी एक राह पर, बस चलते जाना है।
शाला से बाहर जब आया, नई दुनिया में खुद को पाया। शाला से बाहर जब आया, नई दुनिया में खुद को पाया।
बचपन में जो मेरे लिए, दुनिया से लड़ लेती थी। बचपन में जो मेरे लिए, दुनिया से लड़ लेती थी।
स्नेह रस से भीगा कदंब, अब तो जैसे रसहीन हुआ, स्नेह रस से भीगा कदंब, अब तो जैसे रसहीन हुआ,
बिन अस्त्र-शस्त्र उठाए, विजयी होकर दिखलाएँगे। बिन अस्त्र-शस्त्र उठाए, विजयी होकर दिखलाएँगे।
खामोश सी इस आहट को, हमने है पहचान लिया। इस जंग को हम जीतेंगे, हम सब ने ये ठान लिया। खामोश सी इस आहट को, हमने है पहचान लिया। इस जंग को हम जीतेंगे, हम सब ने ...
बेनाम एक रिश्ता जो है बेनाम एक रिश्ता जो है