Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Mukesh Tihal

Action Fantasy

4  

Mukesh Tihal

Action Fantasy

वक़्त

वक़्त

2 mins
275


चलो मेरे जाने का ही सही ये वक़्त तो आया

इसी बहाने मैं तुमसे वो सब कुछ कह पाया

जो लम्बे वक़्त से मैंने अपने दिल में छिपाया

कभी खंजर - कभी तीर जहर का

तेरी यादों ने मुझ पर चलाया

कभी घूँट गम का इन्होंने पिलाया

ये वक़्त ही तो है जिसने हर जख़्म पर मरहम लगाया


लौट कर ना आये हम ऐसा इंतज़ाम कर देना

उड़ने देना यादों की फुलझड़ियां मेरी

ना तुम इनको समेटे रखना

भावनाओं की डोर से बंधे है हम

ना तुम खुद को इनमे लपेटे रखना

ये तो वक़्त ही है ऐसा

इसमें सहना पड़ेगा सब - कुछ ऐसा - वैसा


एक वक़्त ऐसा भी आएगा

जिसमें तू घुटनों पर आ जाएगा

तब तू निर्लज़ सा हक्का - बक्का रह जायेगा

अब कहीं जाकर तुझको समझ आएगा

अरे वो तो इंसान है बड़ा सच्चा

जिसको लम्बे वक़्त से अँधेरे में मैंने रखा

अब जाग जायेगा तेरा अंतरमन

तू खुद में करने लगेगा मनन

मैं तो फिर करने लगूँगा तुझमें रमन

तू लाख करेगा अब जतन

कहेगा मान जा ओ मेरे गुलबदन

महका दे फिर से मेरा चमन

वो तो वक़्त बुरा था जिसमें

हम तो खो बैठे थे तुझको सनम


वो वक़्त भी अब आया है

जिसमें छंटी हर काली छाया

तेरा हमसफ़र तूने फिर से पाया

अब काटने लगेगा तेरा सारा वक़्त

जिसमें तूने फिर जुदाई - गम ना पाया

करेगा शुक्रगुजार ईश्वर का कहेगा

तेरी रहमत से ही तो मैंने ये वक़्त दोबारा पाया


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action