STORYMIRROR

ram gagare

Drama

4  

ram gagare

Drama

वो दिन भी क्या दिन थे..

वो दिन भी क्या दिन थे..

1 min
274

वो दिन भी क्या दिन थे

जब जिंदगी में मुश्किलें लाख थी

पर साथ में अपनो का सहारा था..

जब दोस्त व्हाट्सएप पर नहीं,

इकट्ठा हो कर बाते किया करते थे..

वो दिन भी क्या गजब थे

जब स्कूल में सब दोस्त मिल बाँट कर खाते थे..

जब लोग पैसो से नहीं

दिल से अमीर हुआ करते थे..

वो दिन भी क्या गजब थे

जब हल्की सी चोट लगती

थी, तो आँख से आंसू आते थे

अब सभी दिल में इतना दर्द

ले के घूम रहे है फिर भी मुस्कुराते है..

वो दिन भी क्या गजब थे

जब भाई बहन लड़ते थे तो

कुछ ही पलो में फिर से बोलने लगते थे

अब भाई बहन दौलत की

खातिर एक दूसरे से मुंह फेर लेते है..

वो दिन भी क्या गजब थे

जब संतान माँ-बाप को भगवान मानती थी और

अब माँ-बाप उनको बोझ लगने लगे है..

सच में वो दिन भी क्या दिन थे..


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama