चेहरो के इस जंगल मे..
चेहरो के इस जंगल मे..
चेहरो के इस जंगल मे
नकाब वाले चेहरे हैं
दिखते हैं खुश यहां,पर
हर एक के राज गहरे हैं...
दिलको देख,चेहरा ना देख
चेहरा तो यहा झुठा है
झुटी हंसी के चक्कर मे
हर कोई ईस से लुटा है...
मतलबी का लगाके नकाब
तू यहां जिंदा रह पायेगा
मासुम बनके रहा जो तू
बेमतलब मारा जायेगा...
आँखो ने लगाये आँसुओ
पे यहा,कडे पेहरे हैं
चेहरो के इस जंगल मे
नकाब वाले चेहरे हैं....