STORYMIRROR

ram gagare

Romance Fantasy

3  

ram gagare

Romance Fantasy

कितना समय बित गया..

कितना समय बित गया..

1 min
134

कितना समय बीत गया

जो तुम मिलने नहीं आये

हम निकले तेरी गली की ओर

पर हमारे पैर लड़खड़ाए..


तुम आओ कभी मिलने

उस नुक्कड़ पे चाय की दुकान पे

जहाँ हम देखते राह तुम्हारी

और देखते रहते तुम्हारे मकान को..


थोड़ा सा सब्र तुम भी रख लेते

हमारी उलझने हम जल्द सुलझा लते

अगर करते तुम जरा सा इंतजार

आ के हम तेरा हाथ थाम लेते..


प्यार तो नहीं बढ़ा हम में

दूरियाँ ज्यादा बढ़ गई

जो करनी थी बात तुझसे

वो बात अधूरी रह गई..


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance