स्वार्थी मुहब्बत
स्वार्थी मुहब्बत
तुम स्वार्थ रहित मुहब्बत की बात करते हो
लेकिन मुझे मेरे मुहब्बत में स्वार्थ दिखता है।
दहकती दिल को जो बस ठंडक दे सकता
तुम्हारे आँखों में प्यार की झरना दिखता है ।
तुम बोलोगे हम अलग अलग ये इश्क़ फरमाएंगे
पर तुमसे अलग मौत बड़ा प्यारा लगता है।
तुम्हें अमर बनना है मुहब्बत में बिछड़ कर
मुझे तुम्हारे साथ हर पल कीमती लगता है।
तुम बस चाहत होते तो अलग बात होता
मुझे तुम्हारा साथ सांस सा जरूरत लगता है।
करता होगा कोई रूह से मुहब्बत जमाने में
तेरा छुअन मुझे जन्नत का एहसास दिलाता है।