इंतजार
इंतजार
दिन ढलता रहा,
इंतजार बढ़ता रहा,
शाम हुई फिर रात,
उम्मीद न आई पास।
नयन ठहर गये द्वार पर,
करवट करवट खेली रात भर,
अधरों पर नाम बस तेरा,
कानो में बसे तेरे बोल के स्वर।
दूर हो गई चॉद की चाँदनी,
बुझता रहा देहरी का चिराग,
होने को है अब भोर,
कहाँ छुपा है मेरा चितचोर।
यादों के फूल भी मुरझाये,
मन-पंछी लौट लौट आये,
इक तेरे वादे की है आस,
टूट रहा अब मन का विश्वास
वो विश्वास जगा दे तू
मुझको अब मिला दे तू
जगी है जो मन में आस
उसकी है तू आखिरी श्वास।