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Sakshi Mutha

Romance

4  

Sakshi Mutha

Romance

सुकून का जरिया थी तुम

सुकून का जरिया थी तुम

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इस उलजी सी जिंदगी मे 

सुकून का जरिया थी तुम


कभी मुस्कुराती कभी खिलखिलाती

मस्त पवन का झोंका थी तुम


तुम थी तो मुझसे अलग

पर मेरे जीने की वजह थी तुम


हर जज्बात में, हर अरमान में

मेरा हर किस्सा तुझसे था


मेरी कहानी थी तुम

आईने में जब भी देखा 


मेरे अक्श में शामिल थी तुम

बीते हर लम्हों की


एक मीठी सी दास्ताँ थी तुम

इस उलझी सी जिंदगी में 

सुकून का जरिया थी तुम।


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