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Sakshi Mutha

Children

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Sakshi Mutha

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पापा

पापा

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कभी चाँद, कभी सितारों से गुफ्तगू हो जाती है

कौन कहता है, हम अकेले है

आज भी हमारे पापा से हमारी बात हो जाती है

चाँद की रौशनी से वो हमको प्यार भेजते है

हम भी कलाकार है, कुछ कम नहीं

अश्कों से आंखे चमका कर, उस ओर देखते है


उदासी हमारी देखकर उदास ना हो जाए

होठों पर नकली मुस्कान रखते है

कुछ पल खामोशी से यूँ ही बीत जाते है

संग बिताए एक एक पल फिर नजर आते है

हर मुश्किल घड़ी में पापा यही कहते थे

तुम हारना मत, कहीं रुकना मत

हिम्मत बन पापा आज भी वही खड़े है

कौन कहता है, हम अकेले है......



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