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Sakshi Mutha

Abstract Others

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Sakshi Mutha

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दोस्त

दोस्त

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मेरे दिल के पास रहोगे

हाँ, तुम मुझको याद रहोगे

एक प्यारा सा रिश्ता बनकर

जिन्दगी में मेरी आबाद रहोगे

कभी प्यार, कभी तकरार

वो यादें कुछ तेरी मेरी

कभी बनकर हँसी लबों पर

तो कभी इन आंखों का पानी रहोगे


हर दम तुम हमे याद आओगे

माफ़ करना दोस्त

अक्सर तुम हिचकियों में बंधे रहोगे

जब भी तेरा घर ख़ुशियों से झील-मिला उठेगा

रौनक होगी तेरे चेहरे पर

खुश होंगे, खुशहाली होगी


सब कुछ होगा बेशक तेरे ही नसीबों से

पर एक बारी याद ज़रुर कर लेना तुम मुझ को

दिल से तेरे लिए दुआ कोई मांग रहा होगा

मेरी तुम फरियाद रहोगे

हाँ ,तुम मुझ को याद रहोगे......!



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