लेकिन मैं ठहरा नादान लेकिन मैं ठहरा नादान
फिर ब्याह के बाद दुपट्टा ओढ़ती थी कि बड़ों से थोड़ी आड़ रहे फिर ब्याह के बाद दुपट्टा ओढ़ती थी कि बड़ों से थोड़ी आड़ रहे
मगर तार्किक ही बनिए सिर्फ तार्किक तर्क ही रखिए, मगर तार्किक ही बनिए सिर्फ तार्किक तर्क ही रखिए,
नये कपड़े और पटाखे ..रोज मिलती मिठाई. नये कपड़े और पटाखे ..रोज मिलती मिठाई.
कभी बनकर हँसी लबों पर तो कभी इन आंखों का पानी रहोगे कभी बनकर हँसी लबों पर तो कभी इन आंखों का पानी रहोगे
परंतु जिंदगी दोधारी तलवार है उससे भी आगे ये बिना संविधान के है, परंतु जिंदगी दोधारी तलवार है उससे भी आगे ये बिना संविधान के है,